सना/होदेइदा: इजराइल ने यमन में हूती विद्रोहियों के खिलाफ भीषण हवाई हमले किए हैं। इन हमलों में विद्रोहियों के कब्जे वाले क्षेत्रों को निशाना बनाया गया, जिनमें राजधानी सना और बंदरगाह शहर होदेइदा शामिल हैं। इजराइली सेना ने दावा किया कि उसने सना के इंटरनेशनल एयरपोर्ट और होदेइदा, अल-सलिफ और रास कांतिब के बंदरगाहों पर हूती विद्रोहियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले बुनियादी ढांचे को नष्ट कर दिया। इसके साथ ही बिजली संयंत्रों पर भी हमले किए गए।
इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हाल ही में बयान दिया था कि हूती विद्रोही भी वही सबक सीखेंगे, जो हमास, हिज़बुल्लाह और अन्य ने सीखा है। उन्होंने सैन्य नेताओं के साथ इन हमलों की निगरानी की। ईरान समर्थित हूती मीडिया ने हमलों की पुष्टि की है, हालांकि विस्तृत जानकारी अभी नहीं दी गई है। पिछले कुछ समय में अमेरिकी सेना ने भी यमन में हूती विद्रोहियों को निशाना बनाया है। संयुक्त राष्ट्र ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यमन के बंदरगाह मानवीय सहायता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इससे पहले हूती विद्रोहियों ने तेल अवीव के एक खेल मैदान पर मिसाइल हमला किया था, जिसमें 16 लोग घायल हुए थे।
हूती विद्रोहियों ने लाल सागर के नौवहन मार्ग को भी निशाना बनाना शुरू कर दिया है। इसे वे गाजा में फिलिस्तीनियों के समर्थन का प्रतीक बता रहे हैं। इजराइल ने पिछले सप्ताह सना और होदेइदा पर हवाई हमले किए थे, जिसमें नौ लोगों की मौत हो गई थी।
इसी बीच, गाजा पट्टी में इजराइली हमले के दौरान पांच फिलिस्तीनी पत्रकार मारे गए। स्थानीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, यह हमला अल-अवदा अस्पताल के बाहर हुआ, जहां एक कार को निशाना बनाया गया। इजराइली सेना ने इन पत्रकारों को आतंकवादी बताते हुए कहा कि वे इस्लामिक जिहाद संगठन से जुड़े थे। पत्रकार सुरक्षा समितियों के अनुसार, इस युद्ध में अब तक 130 से अधिक फिलिस्तीनी पत्रकार मारे जा चुके हैं। इजराइल ने विदेशी पत्रकारों के गाजा प्रवेश पर प्रतिबंध लगा रखा है और पैन-अरब नेटवर्क अल-जज़ीरा के गाजा स्थित छह पत्रकारों को आतंकवाद के आरोप में दोषी ठहराया है।