इलाहाबाद हाईकोर्ट: मुकदमा रिमांड होने पर अपीलार्थी कोर्ट फीस वापस पाने का अधिकारी!

इलाहाबाद हाईकोर्ट: मुकदमा रिमांड होने पर अपीलार्थी कोर्ट फीस वापस पाने का अधिकारी!

प्रेषित समय :20:13:02 PM / Sun, Dec 29th, 2024
Reporter : पलपल रिपोर्टर

अभिमनोज
इलाहाबाद हाईकोर्ट का कहना है कि- किसी भी कारणवश अपीलीय न्यायालय से मुकदमा मूल न्यायालय में रिमांड करने, मतलब.... वापस भेजे जाने पर अपीलार्थी कोर्ट फीस वापस पाने का अधिकारी है.
खबरों की मानें तो.... न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेंद्र की अदालत का कहना है कि- अपीलीय न्यायालय का कर्तव्य है कि कोर्ट फीस की वापसी के लिए अपीलार्थी के पक्ष में प्रमाण पत्र जारी किया जाए, ताकि वह कलेक्टर से कोर्ट फीस वापस प्राप्त कर सके.
उल्लेखनीय है कि.... चंद्र प्रकाश मिश्रा और अन्य अपीलार्थियों ने कोर्ट फीस जमा करने में असफल रहने के आधार पर सिविल वाद खारिज किए जाने वाले ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी.
अपीलार्थियों के एडवोकेट का कहना था कि- अपीलार्थियों ने सिविल वाद में पूरी कोर्ट फीस जमा की थी, वाद खारिज होने के बाद अपील की गई, अपीलीय न्यायालय ने मामले की पुनः सुनवाई के लिए ट्रायल कोर्ट भेज दिया, ट्रायल कोर्ट ने मामले को पुनर्जीवित कर दिया, लिहाजा.... ऐसे मामले की पुनः सुनवाई के लिए फिर से कोर्ट फीस की मांग अवैधानिक है, यही नहीं, यह भी कहा गया कि- एक बार मुकदमा वापस भेज दिया गया तो गुण-दोष के आधार पर फैसला किया जाना चाहिए.
उधर, प्रतिवादियों के एडवोकेट का कहना था कि.... धारा-13 के तहत प्रमाण पत्र केवल तब दिया जा सकता है, जब ट्रायल कोर्ट के गलत निर्णय पर नए सिरे से सुनवाई के लिए वापस भेजा जाता है.
इस मामले में अदालत ने कोर्ट फीस अधिनियम की चर्चा करते हुए अपील स्वीकार कर ली!

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-