नई दिल्ली. पाकिस्तान और तालिबान के बीच संघर्ष गंभीर रूप लेता जा रहा है, जिससे युद्ध जैसे हालात बन गए हैं। हाल के दिनों में दोनों पक्षों के बीच हुई हिंसक झड़पों ने सैनिकों और आम नागरिकों की जानें ली हैं। इस बढ़ते तनाव ने न केवल क्षेत्रीय स्थिरता को खतरे में डाला है, बल्कि भारत के पड़ोसी इलाकों में भी चिंता का माहौल पैदा कर दिया है। तालिबान ने दावा किया है कि उन्होंने दुरंड रेखा के पास पाकिस्तान की कई सैन्य चौकियों पर कब्जा कर लिया है। इस हमले में 19 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत की खबर है।
पाकिस्तान का हवाई हमला: अफगानिस्तान के पक्तिका और खोस्त प्रांतों में पाकिस्तान ने हवाई हमले किए, जिसमें 50 से अधिक लोगों की मौत हुई, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे।
तालिबान का पलटवार: जवाबी हमले में तालिबान ने पाकिस्तान की सैन्य चौकियों पर कब्जा करने का दावा किया। इस दौरान पाकिस्तान द्वारा दागे गए मोर्टार से तीन अफगानी नागरिकों की मौत हुई। दुरंड रेखा अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से विवाद का कारण रही है। यह सीमा रेखा 19वीं सदी में ब्रिटिश साम्राज्य द्वारा तय की गई थी, जिसे अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय "कल्पनिक रेखा" मानता है और इस क्षेत्र को अफगानिस्तान का हिस्सा बताता है।
तालिबान, जिसे कभी पाकिस्तान का समर्थन प्राप्त था, अब उसी पर हमले कर रहा है। यह स्थिति क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन गई है। बढ़ते संघर्ष ने दोनों देशों के बीच तनाव को चरम पर पहुंचा दिया है, जिससे पूरे क्षेत्र में अस्थिरता का माहौल है। पाकिस्तान और तालिबान के बीच बढ़ता संघर्ष न केवल दोनों देशों के लिए, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया के लिए गंभीर चुनौती बनता जा रहा है। इस स्थिति पर क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें टिकी हुई हैं।