एचएमपीवी वायरस से संक्रमित हुए तो दिखेंगे ये 10 लक्षण

एचएमपीवी वायरस से संक्रमित हुए तो दिखेंगे ये 10 लक्षण

प्रेषित समय :11:26:52 AM / Tue, Jan 7th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

चीन में इस वायरस से अब तक काफी लोग संक्रमित हो चुके हैं. आलम ये है कि हॉस्पिटल में लोगों को इलाज कराने के लिए बेड भी नहीं मिल रहा. इधर भारत में भी तीन बच्चे एचएमपीवी से संक्रमित पाए गए हैं, जिससे लोग काफी डरे हुए हैं. हालांकि, एक्सपर्ट ये भी कह रहे हैं कि यह वायरस पहले से ही यहां मौजूद है. यह नया नहीं है. पिछले साल नवंबर में भी एक बच्चा इससे संक्रमित पाया गया था. संक्रमित बच्चों का कोई यात्रा इतिहास नहीं है. इन बच्चों का चीन, मलेशिया या किसी दूसरे देश यात्रा करने का कोई हिस्ट्री भी नहीं है. HMPV एक ऐसा वायरस है जो भारत में पहले से ही लंबे समय से मौजूद है. हो सकता है कि यह कोई इसका नया वेरिएंट हो. ऐसे में पैनिक करने या बहुत अधिक घबराने की जरूरत नहीं है. आपको सावधानी बरतने की जरूरत है ताकि इस वायरस की चपेट में न आएं.

ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) एक ऐसा वायरस है जो मुख्य रूप से ठंड के मौसम में फैलता है. अधिक गंभीर होने पर ये फेफड़ों में पहुंचकर निमोनिया का कारण बन सकता है. इससे सांस से संबंधित समस्या होती है. बच्चों और बुजुर्गों को अधिक प्रभावित करता है. सबसे पहले 2001 में इस वायरस की पहचान हो चुकी है.

यह संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने, उससे हाथ मिलाने, छूने से भी फैल सकता है. संक्रमित होने पर लक्षण पांच दिनों के बाद नजर आते हैं. काफी हद तक इसके लक्षण कोरोनावायरस जैसे ही हैं. शायद, इसी वजह से लोगों में इस वायरस को लेकर काफी डर बैठ गया है.

HMPV वायरस के लक्षण क्या हैं?
इसके लक्षण काफी हद तक कोविड-19 के शुरुआती लक्षणों से मिलते-जुलते हैं. कुछ लक्षण इस प्रकार हैं-
सर्दी-जुकाम होना
गले में खराश
सिरदर्द होना
बुखार होना
ठंड लगना
नाक बहना
खांसी होना
सांस लेने में तकलीफ
गंभीर लक्षण में फेफड़ों में संक्रमण हो सकता है.
श्वसन संबंधित बीमारियों से ग्रस्त, अस्थमा, लंग्स पेशेंट सतर्क रहें.

HMPV से बचाव के उपाय

क्या करें
घर से मास्क लगाकर निकलें.
संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में न आएं.
खांसते-छींकते समय मुंह पर रूमाल रखें.
पानी अधिक पिएं. पौष्टिक और घर का खाना खाएं.
पर्याप्त नींद लें.
हाथों को साबुन से धोते रहें, सैनिटाइजर यूज करें.
भोजन करते समय भी हाथ अच्छी तरह से साफ करें.
प्रतिदिन स्नान करें. हाइजीन का ख्याल रखें.
ऊपर बताए गए लक्षण नजर आएं तो डॉक्टर से मिलें.