वी. नारायणन बने ISRO के नए अध्यक्ष, 14 जनवरी से संभालेंगे कार्यभार

वी. नारायणन बने ISRO के नए अध्यक्ष, 14 जनवरी से संभालेंगे कार्यभार

प्रेषित समय :09:52:39 AM / Wed, Jan 8th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

नई दिल्ली. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के नए अध्यक्ष के रूप में वी. नारायणन की नियुक्ति 9 जनवरी 2025 को घोषित की गई। उनका कार्यकाल 14 जनवरी 2025 से शुरू होगा। वे एस. सोमनाथ का स्थान लेंगे, जिन्होंने जनवरी 2022 से ISRO का नेतृत्व किया। नारायणन की नियुक्ति को भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक नए युग की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है।

वी. नारायणन ISRO के वरिष्ठ वैज्ञानिकों में से एक हैं और वर्तमान में लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर (LPSC) के निदेशक के रूप में कार्यरत हैं। उनका मुख्य कार्यक्षेत्र रॉकेट और अंतरिक्ष यान प्रणालियों के प्रोपल्शन से संबंधित है। नारायणन ने 1984 में ISRO से अपने करियर की शुरुआत की और विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) और LPSC में महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर काम किया।

LPSC, भारत के प्रमुख रॉकेट प्रोपल्शन केंद्रों में से एक है, जो तरल, सेमी-क्रायोजेनिक और क्रायोजेनिक प्रोपल्शन तकनीकों का विकास करता है। यह केंद्र PSLV, GSLV और गगनयान जैसे कार्यक्रमों के लिए प्रोपल्शन तकनीक विकसित करता है। नारायणन ने गगनयान मिशन के लिए मानव-रेटेड सर्टिफिकेशन बोर्ड (HRCB) का नेतृत्व किया है।

तमिल माध्यम से अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद, नारायणन ने आईआईटी खड़गपुर से क्रायोजेनिक इंजीनियरिंग में एम.टेक किया और पीएचडी एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में प्राप्त की। वे अपने एम.टेक में प्रथम स्थान पर रहे और सिल्वर मेडल से सम्मानित हुए। उनकी तकनीकी विशेषज्ञता ने उन्हें ISRO के शीर्ष नेतृत्व तक पहुंचाया। एस. सोमनाथ के कार्यकाल में भारत ने चंद्रयान-3 मिशन और चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग जैसी ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल कीं। इन उपलब्धियों ने ISRO को वैश्विक पहचान दिलाई।

वी. नारायणन के नेतृत्व में ISRO का ध्यान गगनयान मिशन और अन्य अंतरिक्ष अभियानों को तेज़ी से पूरा करने पर होगा। उनके अनुभव और विशेषज्ञता से भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई ऊंचाइयां मिलने की उम्मीद है। नारायणन की नियुक्ति ISRO के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। उनका नेतृत्व भारत के अंतरिक्ष मिशनों को और सशक्त बनाएगा और वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति को और मज़बूत करेगा।

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-