गुवाहाटी. असम के दीमा हसाओ जिले के उमरंगसो में 300 फीट गहरी कोयला खदान में 8 मजदूर पिछले 72 घंटे से फंसे हैं. एक मजदूर का शव निकाला गया था. रेस्क्यू में अब एयरफोर्स का एयरक्राफ्ट व हेलिकॉप्टर भी जुट गए हैं. भारतीय सेना, असम राइफल्स के गोताखोर व मेडिकल टीम के साथ इंजीनियर्स टास्क फोर्स भी मौजूद हैं.
बताया जा रहा है कि वर्टिकल एरिया सर्च कर लिया गया है. लगातार पंपिंग के बाद भी पानी का लेबल घट नहीं रहा है. महाराष्ट्र से नई हैवी पंपिग मशीन मंगवाई गई है. इससे पहले नेवी के रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल को सुरंग के अंदर भेजा गया था. गौरतलब है कि यह हादसा 6 जनवरी को हुआ था, जब मजदूर खदान में कोयला निकाल रहे थे. मजदूरों के रेस्क्यू के लिए सेना को लगाया गया है. खबर के अनुसार ये रैट माइनर्स की खदान है. इसमें 100 फीट तक पानी भर गया है. जिसे दो मोटर की मदद से निकाला जा रहा है. पुलिस ने खदान मालिक पुनीश नुनिसा को गिरफ्तार कर लिया है.
राजसभा सांसद सुष्मिता देव ने असम सरकार पर कई सवाल खड़े किए. सुष्मिता देव ने कहा कि आज उन्होंने दीमा हसाओ का दौरा किया. इस क्षेत्र में गैर-कानूनी तरीके से खनन कैसे जारी है. असम सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए क्या कार्रवाई करेगी कि भविष्य में लोगों का जीवन इस तरह से खतरे में न पड़े. खदान का मालिक कौन हैए यह कई सवाल खड़े करता है. माइनिंग की समस्या का समाधान असम सरकार आज तक नहीं कर पाई है. उनका मानना है कि समाधान न निकलने के कारण अवैध तरीके से खनन जारी है. इलीगल तरीके से कोयला बाहर भेजा जा रहा है. यह एक सिंडिकेट की तरह असम में चल रहा है.
सात साल पहले भी हो चुका है हादसा-
ऐसा ही एक हादसा मेघालय की ईस्ट जयंतिया हिल्स में 2018 में हुआ था. जहां 15 मजदूर कोयला खदान में फंसकर मारे गए थे. 13 दिसंबर को इस खदान में 20 खनिक 370 फीट गहरी खदान में घुसे थे. जिसमें से 5 मजदूर पानी भरने से पहले बाहर निकल आए थे. 15 मजदूरों को बचाया नहीं जा सका था.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-