लखनऊ. शुक्रवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक चौंकाने वाली घटना घटी। विधानसभा भवन के सामने एक शख्स ने अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ आत्मदाह की कोशिश की। हालांकि, समय रहते पुलिस ने सतर्कता दिखाते हुए इस घटना को टाल दिया। यह घटना दोपहर करीब 12:20 बजे विधान भवन के गेट नंबर 4 के पास हुई। पीड़ित राजकमल रावत ने आत्मदाह का प्रयास करते हुए खुद पर पेट्रोल डाल लिया। जैसे ही वह आग लगाने की कोशिश कर रहा था, वहां मौजूद महिला सिपाही लक्ष्मी देवी और अन्य पुलिसकर्मियों ने उसे रोक लिया और पूरे परिवार को हिरासत में लेकर थाने ले जाया गया।
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसने लखनऊ पुलिस प्रशासन को भी हिला कर रख दिया है। पीड़ित राजकमल रावत ने आरोप लगाया कि शहंशाह, इशरत अली और समीर अली ने उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या का प्रयास) के तहत झूठा मामला दर्ज करवाया था। इस वजह से उसे करीब साढ़े तीन महीने जेल में बिताने पड़े। जमानत पर रिहा होने के बाद भी राजकमल और उसका परिवार लगातार परेशान किया जा रहा था। इसी उत्पीड़न से तंग आकर उसने आत्मदाह करने की कोशिश की।
राजकमल पर आरोप है कि उसने पैसों के लेन-देन के विवाद को लेकर निगोहां गांव के एक प्रॉपर्टी डीलर को गोली मारी थी। इस मामले में उसे जेल भी जाना पड़ा था। जमानत पर रिहा होने के बाद उसने यह आत्मदाह का प्रयास किया। फिलहाल, पुलिस ने पीड़ित और उसके परिवार को हिरासत में ले लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि आत्मदाह का प्रयास वास्तविक था या इसे केवल ध्यान आकर्षित करने के लिए अंजाम दिया गया।