ईरान ने लिया बड़ा निर्णय, अब तेहरान नहीं बल्कि मकरान होगी राजधानी, भारत को होगा यह लाभ

ईरान ने लिया बड़ा निर्णय, अब तेहरान नहीं बल्कि मकरान होगी राजधानी

प्रेषित समय :16:02:05 PM / Sat, Jan 11th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

नई दिल्ली. ईरान ने एक बड़ा फैसला लेते हुए अपनी राजधानी बदलने का ऐलान किया है. अब तक ईरान की राजधानी तेहरान रही है, लेकिन अब ईरान ने इसे बदलने का ऐलान कर दिया है. तेहरान की जगह अब तटीय शहर मकरान  को ईरान की नई राजधानी बनाने का ऐलान किया गया है. पिछले करीब 200 सालों से तेहरान ही ईरान की राजधानी रही है. ऐसे में अब इसे बदलकर मकरान करना कोई छोटा नहीं, बल्कि एक अहम फैसला है.

ईरान के अपनी राजधानी को तेहरान से बदलकर मकरान करने के फैसले को लेकर दुनियाभर में लोगों के मन में यह सवाल आना स्वाभाविक है कि आखिर ईरान ऐसा क्यों कर रहा है? दरअसल तेहरान में बढ़ती आबादी, बिजली और पानी की कमी, पर्यावरण संबंधी मुद्दे, आर्थिक समस्याओं जैसे मुद्दों को ध्यान में रखते हुए ईरान ने मकरान को अपनी राजधानी बनाने का फैसला लिया है.

भारत के लिए फायदा

ईरान कुछ मजबूरियों के चलते अपनी राजधानी को तेहरान से बदलकर मकरान कर रहा है. अलग-अलग देशों की ईरान के इस फैसले पर अलग-अलग राय हो सकती है. लेकिन अगर भारत के नजरिए से देखा जाए, तो यह किसी फायदे से कम नहीं है. ईरान का मकरान को देश की नई राजधानी चुनना भारत के लिए एक बेहतरीन मौका है. मकरान के राजधानी बनने से भारत को यहाँ तक सीधी और आसान पहुंच उपलब्ध होगी. गौरतलब है कि ईरान में भारत की मदद से बनाया गया चाबहार पोर्ट भी यहाँ से बिल्कुल पास है. ऐसे में भारत आसानी से ट्रेड के लिए इस पोर्ट का इस्तेमाल कर सकेगा.

चाबहार पोर्ट के ज़रिए सेंट्रल एशिया से भी भारत की कनेक्टिविटी बढ़ेगी. ईरान के इस फैसले से भारत की ऊर्जा सुरक्षा को भी बढ़ावा मिलेगा. कैस्पियन सागर से मकरान तक पाइपलाइनें भारत के लिए परिवहन लागत को कम करेंगी, जिससे भारत को सस्ती और ज़्यादा विश्वसनीय ऊर्जा की सप्लाई होगी.

भारत-ईरान-तुर्की कॉरिडोर के लिए मकरान का ईरानी राजधानी होना बेहद ही अहम साबित होगा. इस कॉरिडोर के माध्यम से भारत की यूरोप से सीधे कनेक्टिविटी बनेगी. यह कॉरिडोर भारत-सेंट्रल-ईस्ट यूरोप कॉरिडोर और चीन के बीआरआई का बेहतर ऑप्शन बन सकता है. इससे भारत की पारंपरिक समुद्री रास्तों पर निर्भरता कम होगी, जिससे तेज़ और सुरक्षित व्यापार को बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि चाबहार पोर्ट मकरान के बेहद करीब है. मकरान के ज़रिए भारत और रूस की कनेक्टिविटी भी बढ़ेगी, जिसका फायदा भारत के साथ ही रूस को भी मिलेगा.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-