MP: जीवाजी यूनिवर्सिटी के कुलगुरु अविनाश तिवारी सहित अन्य के खिलाफ ईओडब्ल्यू ने दर्ज किया प्रकरण

MP: जीवाजी यूनिवर्सिटी के कुलगुरु अविनाश तिवारी सहित अन्य के खिलाफ ईओडब्ल्यू ने दर्ज किया प्रकरण

प्रेषित समय :17:53:21 PM / Wed, Jan 15th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

पलपल संवाददाता, ग्वालियर. मध्यप्रदेश के ग्वालियर स्थित जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलगुरु अविनाश तिवारी सहित अन्य के खिलाफ राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने प्रकरण दर्ज किया है. इनपर आरोप है कि  शिवशक्ति कालेज ग्राम झुण्डपुरा के संचालक रघुराज सिंह जादौन द्वारा अन्य आरोपियों के साथ मिलकर कूटरचित दस्तावेज तैयार किए गए, जिसके आधार पर कालेज की मान्यता व संबंद्धता प्राप्त क ी गई. इसके बाद छात्रों क ा फर्जी प्रवेश दिखाकर स्कॉलरशिप व अन्य मदों के लाभ प्राप्त कर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाई है.

इस संबंध में ईओडब्ल्यू द्वारा बताया गया है कि अरुण कुमार मिश्रा निवासी दुर्गा कालोनी मुरार ग्वालियर  द्वारा आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में संचालक शिवशक्ति महाविद्यालय ग्राम झुण्डपुरा तहसील सबलगढ़ जिला मुरैना के विरूद्व फर्जी रूप से कॉलेज संचालित करने के आरोप पर शिकायत आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में की गई थी. जिसकी जांच आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ इकाई ग्वालियर द्वारा की गई जांच उपरांत प्राप्त साक्ष्य के आधार पर पाया गया कि शिवशक्ति महाविद्यालय ग्राम झुण्डपुरा के संचालक रघुराज सिंह जादौन द्वारा अन्य आरोपियों के साथ मिलकर कूटरचित दस्तावेज तैयार कर जिसके आधार पर कॉलेज की मान्यता एवं संबंद्धता प्राप्त कर छात्रों का फर्जी प्रवेश दिखाकर स्कॉलरशिप व अन्य मदो के लाभ प्राप्त कर शासन को आर्थिक क्षति कारित की गई.

जीवाजी विश्वविद्यालय द्वारा महाविद्यालय के निरीक्षण के लिये प्रतिवर्ष गठित जांच कमेटी के सदस्य डॉ एपीएस चौहान, डॉ एके  हल्वे, डॉ  एसके गुप्ता, डॉ एसके सिंह, डॉ सीपी शिन्दे, डॉ आरए शर्मा, प्रोफेसर अविनाश तिवारी (वर्तमान कुलगुरू) डॉ केएस ठाकुर, ज्योति प्रसाद, डॉ नवनीत गरूड़, डॉ सपन पटेल, डॉ एसके द्विवेदी, डॉ हेमन्त शर्मा, डॉ राधा तोमर, डॉ आरपी पाण्डेय,  डॉ एमके गुप्ता, डॉ निमिषा जादौन, डॉ सुरेश सचदेवा, डॉ मीना श्रीवास्तव द्वारा असम्यक लाभ प्राप्त कर असत्य आधारों पर उक्त महाविद्यालय के कूटरचित निरीक्षण प्रतिवदेन तैयार कर उक्त महाविद्यालय की संबंद्धता लेने में सहयोग करने से उक्त व्यक्तियों के विरूद्व भाण्दण्वि की धारा 420, 409, 467, 468, 120बी एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 संशोधित अधिनियम 2018 की धारा 7 का अपराध प्रथम दृष्टया प्रमाणित पाया जाना दर्शित होता हैं.

जांच दल के सदस्य डॉ एपीएस चौहान की मृत्यु हो जाने से शेष डॉ एके  हल्वे, डॉ एसके गुप्ता, डॉ एसके  सिंह, सीपी शिन्दे, आरए शर्मा, प्रोफेसर अविनाश तिवारी, डॉ केएस ठाकुर, ज्योति प्रसाद, डॉ नवनीत गरूड़, डॉ सपन पटेल, डॉ एसके द्विवेदी, डॉ हेमन्त शर्मा, डॉ राधा तोमर, डॉ आरपी पाण्डेय, डॉ एमके गुप्ता, डॉ निमिषा जादौन, सुरेश सचदेवा, मीना श्रीवास्तव एवं अन्य के विरूद्व भाण्दण्वि एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 संशोधित अधिनियम 2018 की धारा के अंतर्गत अपराध पंजीबद्व किया गया हैं.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-