नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेले के दौरान एक अनोखी चर्चा का विषय बनीं सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर हर्षा रिछारिया। 12 सालों बाद आए इस महाकुंभ में जहां श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा रहे हैं, वहीं निरंजनी अखाड़े की पेशवाई के दौरान हर्षा रिछारिया ने रथ पर सवार होकर सबका ध्यान आकर्षित किया। उनकी खूबसूरती और पारंपरिक वेशभूषा को लेकर लोगों ने उन्हें 'सबसे सुंदर साध्वी' कहना शुरू कर दिया।
मीडिया में बढ़ती चर्चाओं के बीच हर्षा रिछारिया ने स्पष्ट किया कि वह अभी साध्वी नहीं हैं। उन्होंने कहा, "मैंने दो साल पहले दीक्षा ली थी, लेकिन साध्वी बनने की प्रक्रिया पूरी होने में समय लगता है। मेरी वेशभूषा को देखकर लोगों ने मुझे साध्वी कहना शुरू कर दिया।" हर्षा ने आगे बताया कि साध्वी बनने का निर्णय उनके गुरुदेव की आज्ञा पर निर्भर करेगा। उन्होंने कहा, "मैंने कभी नहीं कहा कि मैं बचपन से साध्वी हूं। यह एक यात्रा है, और मैं इस ओर बढ़ रही हूं।"
हर्षा रिछारिया की पुरानी तस्वीरें भी इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, "मैं चाहती तो अपनी पुरानी तस्वीरें डिलीट कर सकती थी, लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया। हर किसी का एक पास्ट होता है और मेरा भी था।" महाकुंभ में हर्षा रिछारिया निरंजनी अखाड़े की पेशवाई में शामिल हुईं, जहां उन्होंने रथ पर सवार होकर भाग लिया। उनकी पारंपरिक उपस्थिति ने श्रद्धालुओं और मीडिया का ध्यान खींचा।