हिंसा पर बात करने का सार्थक तरीका तलाश रही थी - संध्या सूरी

हिंसा पर बात करने का सार्थक तरीका तलाश रही थी - संध्या सूरी

प्रेषित समय :12:31:06 PM / Wed, Jan 15th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

2025 की सर्वश्रेष्ठ अंतर्राष्ट्रीय फीचर फिल्म श्रेणी के लिए यूनाइटेड किंगडम की आधिकारिक प्रविष्टि 'संतोष' को लेकर निर्माता और लेखिका संध्या सूरी ने अपनी सोच और अनुभव साझा किए। आईएएनएस से बातचीत में संध्या ने बताया कि वह महिलाओं के खिलाफ हिंसा पर चर्चा करने का एक सार्थक माध्यम ढूंढ रही थीं, जिसे उन्होंने अपनी फिल्म के जरिए प्रस्तुत किया। संध्या ने कहा, "जब मैं भारत में विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों के साथ रिसर्च कर रही थी, तब मुझे निर्भया मामले के बाद हुए विरोध प्रदर्शनों की तस्वीरें देखने का मौका मिला। इनमें एक तस्वीर दिल्ली की थी, जहां गुस्साई महिला प्रदर्शनकारियों को महिला पुलिसकर्मी नियंत्रित करने की कोशिश कर रही थीं। यह दृश्य मेरे लिए बहुत प्रभावशाली था।"

उन्होंने आगे कहा कि इस तस्वीर ने उनके भीतर कई सवाल उठाए। "एक पुलिसवाली की वर्दी में ताकत और एक आम महिला के रूप में उसकी बेबसी का यह विरोधाभास मुझे सोचने पर मजबूर कर गया," संध्या ने बताया। संध्या ने महिला पुलिसकर्मियों पर रिसर्च शुरू की, जहां उन्हें "अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति" जैसी सरकारी योजना के बारे में पता चला। इस योजना के तहत मृतक पुलिस अधिकारियों की विधवाओं को नौकरी दी जाती है। उन्होंने बताया कि कई विधवाएं, जो पहले घर से बाहर भी नहीं निकलती थीं, पुलिस की नौकरी से एक अलग ही सफर पर निकल पड़ीं। "गृहिणी से विधवा और फिर पुलिसकर्मी बनने का यह सफर इतना अनोखा था कि मैंने इसे फिल्म में दिखाने का फैसला किया," उन्होंने कहा।

फिल्म 'संतोष' की कहानी एक युवा विधवा के इर्द-गिर्द घूमती है, जो पति की मौत के बाद पुलिस कांस्टेबल की नौकरी पाती है और एक हत्या की जांच करती है। यह पहली बार है जब यूके ने इस श्रेणी के लिए हिंदी भाषा की फिल्म को चुना है। गणित में स्नातक करने के बाद संध्या ने जर्मनी में अंग्रेजी पढ़ाई। लेकिन फिल्मों के प्रति उनकी रुचि उन्हें फिल्म निर्माण की ओर ले गई। उन्होंने यूके के नेशनल फिल्म एंड टेलीविजन स्कूल से डॉक्यूमेंट्री फिल्म निर्माण का प्रशिक्षण लिया।