शुगरयुक्त पेय: डायबिटीज और हृदय रोग के लिए बढ़ता खतरा

शुगरयुक्त पेय: डायबिटीज और हृदय रोग के लिए बढ़ता खतरा

प्रेषित समय :10:18:58 AM / Thu, Jan 16th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

आज के समय में शुगरयुक्त पेयों (शुगरी ड्रिंक्स) का बढ़ता सेवन गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता जा रहा है। हाल ही में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, इन पेयों के चलते हर साल 2.2 मिलियन नए टाइप 2 डायबिटीज और 1.2 मिलियन हृदय रोग के मामले सामने आते हैं। यह अध्ययन अमेरिका की टफ्ट्स यूनिवर्सिटी के फ्राइडमैन स्कूल ऑफ न्यूट्रिशन साइंस एंड पॉलिसी द्वारा किया गया और नेचर मेडिसिन पत्रिका में प्रकाशित हुआ। शोधकर्ताओं ने 184 देशों के आंकड़ों का अध्ययन किया और पाया कि विकासशील देशों में यह समस्या ज्यादा गंभीर है।

क्षेत्रवार प्रभाव
सब-सहारा अफ्रीका: यहां 21% नए डायबिटीज के मामले शुगरयुक्त पेयों से जुड़े पाए गए।
लैटिन अमेरिका और कैरेबियन: 24% डायबिटीज और 11% हृदय रोग के मामलों में इन पेयों की भूमिका पाई गई।
कोलंबिया: 48% नए डायबिटीज के मामलों के लिए ये पेय जिम्मेदार हैं।
दक्षिण अफ्रीका: 27.6% डायबिटीज और 14.6% हृदय रोग के मामले शुगरयुक्त पेयों से जुड़े।
मेक्सिको: लगभग एक-तिहाई डायबिटीज के मामलों में इन पेयों का प्रमुख योगदान है।

शुगरी ड्रिंक्स कैसे नुकसान पहुंचाते हैं?
शुगरयुक्त पेय सीधे रक्त में अवशोषित होकर रक्त शर्करा (ब्लड शुगर) के स्तर को तेजी से बढ़ा देते हैं। इनमें पोषक तत्व नहीं होते और इनका बार-बार सेवन मोटापा, इंसुलिन प्रतिरोध (इंसुलिन रेजिस्टेंस), और मेटाबोलिक विकारों को बढ़ावा देता है। ये स्थितियां मधुमेह और हृदय रोग जैसे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम कई गुना बढ़ा देती हैं।

सबसे ज्यादा प्रभावित कौन?
शोध में पाया गया कि पुरुष और युवा वयस्क इन पेयों से महिलाओं और बुजुर्गों की तुलना में अधिक प्रभावित होते हैं। निम्न और मध्यम-आय वाले देशों में समस्या और गंभीर है, जहां शुगरयुक्त पेयों का बड़े पैमाने पर प्रचार-प्रसार किया जाता है।

समाधान की आवश्यकता
शोधकर्ताओं का मानना है कि यह समस्या केवल किसी एक देश या क्षेत्र तक सीमित नहीं है, बल्कि एक वैश्विक चुनौती है। इसे हल करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग और ठोस नीतियों की आवश्यकता है।

क्या करें?
शुगरयुक्त पेयों के आकर्षण से बचना और स्वस्थ विकल्पों को अपनाना आज की जरूरत है। ताजे फलों के रस, नारियल पानी, और बिना चीनी वाली हर्बल चाय जैसे स्वास्थ्यवर्धक पेय अपनाकर इस समस्या को कम किया जा सकता है। यदि इन पेयों के सेवन पर जल्द नियंत्रण नहीं पाया गया, तो मधुमेह और हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारियों का सामना करना और कठिन हो जाएगा।