मिर्जापुर. उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से एक चौंकाने वाली खबर आई है, जिसमें एक पुजारी ने खुद ही राम जानकी मंदिर से करीब 30 करोड़ रुपये से अधिक कीमत की अष्टधातु की मूर्तियां चुराईं। घटना के बाद पुजारी ने थाने जाकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन पुलिस ने मामले की जांच करते हुए महज 72 घंटों में इसका खुलासा कर दिया। इस मामले में पुजारी और एक सपा नेता समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है, और पुलिस जांच जारी रखी है।
यह मामला मिर्जापुर के पड़री थाना क्षेत्र के कठिनी गांव का है। पुलिस के अनुसार, 14 जनवरी को मंदिर के पुजारी वंशीदास गुरू ने शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उन्होंने बताया कि मंदिर में रखी तीन अष्टधातु की मूर्तियां चोरी हो गई हैं, जिनकी कीमत 30 करोड़ रुपये से अधिक थी। पुलिस ने तुरंत केस दर्ज किया और जांच शुरू की। शुरुआत में पुलिस का शक पुजारी पर ही गया, लेकिन ठोस सबूत न होने के कारण उन्हें तुरंत गिरफ्तार नहीं किया गया।
जांच में यह खुलासा हुआ कि पुजारी वंशीदास खुद एक अलग मठ बनाने की योजना बना रहा था। इसके तहत उसने अपने साथियों के साथ मिलकर मूर्तियां चुराने की साजिश रची। पुलिस ने जब पुजारी से पूछताछ की, तो पता चला कि मंदिर की संपत्ति को लेकर जयराम दास और सतुआ बाबा के बीच विवाद चल रहा था। जयराम दास ने पुजारी से वादा किया था कि मामला सुलझने के बाद संपत्ति उसे दी जाएगी, लेकिन जयराम दास पुजारी के बजाय उसके भतीजे को संपत्ति देना चाहता था। इस पर पुजारी ने अपना अलग मठ बनाने का निर्णय लिया और सपा नेता राम बहादुर पाल, उसके ड्राइवर लवकुश पाल और मुकेश कुमार सोनी के साथ मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया। आरोपियों ने वारदात से पहले सोनार को बुलाकर मूर्तियों की गुणवत्ता जांची, जिससे उन्हें मूर्तियों की असली कीमत का पता चला।