जयपुर. जयपुर में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मंगलवार को नवीकरणीय ऊर्जा पर आयोजित समीक्षा बैठक में कहा कि मुफ्त बिजली देने की व्यवस्था लंबे समय तक टिकाऊ नहीं है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने इस दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए पीएम सूर्य घर बिजली योजना की शुरुआत की है। इस योजना का उद्देश्य लोगों को बिजली के लिए आत्मनिर्भर बनाना है, ताकि वे स्वयं बिजली का उत्पादन कर सकें, उसका उपयोग कर सकें और अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में आपूर्ति करके देश की ऊर्जा जरूरतों में योगदान दे सकें।
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में राजस्थान के एक करोड़ से ज्यादा घरेलू उपभोक्ताओं को 200 से 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली दी जा रही थी। लेकिन नई सरकार बनने के बाद इस योजना को केंद्र की पीएम सूर्य घर बिजली योजना के अंतर्गत ला दिया गया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "राजनीतिक कारणों से कुछ राज्यों में मुफ्त बिजली दी जा रही है, लेकिन यह सही दिशा नहीं है। इससे राज्य की अर्थव्यवस्था पर अनावश्यक बोझ पड़ता है।" उन्होंने सुझाव दिया कि मुफ्त बिजली की बजाय लोगों को सक्षम बनाना चाहिए ताकि वे सस्ती और स्थायी बिजली का उत्पादन और उपयोग कर सकें।
जोशी ने कहा कि केंद्र सरकार की योजना लोगों को दूसरों पर निर्भर बनाने की बजाय आत्मनिर्भर बनाने की है। उन्होंने कहा कि बिजली उत्पादन को जनसामान्य की भागीदारी के माध्यम से बढ़ावा दिया जाना चाहिए। इससे न केवल उपभोक्ता अपने लिए बिजली पैदा कर सकते हैं, बल्कि अतिरिक्त बिजली की सप्लाई कर देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में योगदान दे सकते हैं। केंद्रीय मंत्री का यह बयान मुफ्त बिजली योजनाओं पर पुनर्विचार करने और देश को आत्मनिर्भर ऊर्जा प्रणाली की ओर ले जाने के सरकार के दृष्टिकोण को स्पष्ट करता है।