सशक्त और विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण की दिशा में हम बढ़ रहे आगे : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

सशक्त और विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण की दिशा में हम बढ़ रहे आगे : मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय

प्रेषित समय :11:05:58 AM / Sun, Jan 26th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

 रायपुर. मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर सरगुजा संभाग मुख्यालय अंबिकापुर के पीजी कॉलेज मैदान में राष्ट्रीय ध्वज फहराया और संयुक्त परेड की सलामी ली. मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर आम जनता के नाम संदेश का वाचन किया. उन्होंने प्रदेशवासियों को गणतंत्र दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी.

  मुख्यमंत्री श्री साय ने गणतंत्र दिवस समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि  आज का दिन हम सबके लिए अत्यंत गौरवशाली है. आज हम देश के गणतंत्र का उत्सव मना रहे हैं. इसके पीछे उन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का बलिदान है, जिन्होंने भारत को स्वतंत्रता दिलाई, उन संविधान निर्माताओं का योगदान है, जिन्होंने इस संविधान के माध्यम से भारत को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र बनाया. उन विभूतियों का योगदान है, जो संविधान की रक्षा के लिए हमेशा डटे रहे तथा संविधान के मूल्यों पर चलकर अंत्योदय का कल्याण करते रहे. नक्सलवाद से लड़ते हुए देश की एकता और अखण्डता के लिए अनेक जवानों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया, ताकि हम सुरक्षित रह सकें और समाज में शांति स्थापित हो सके. इन जवानों की शहादत को मैं शत्-शत् नमन करता हूं.

 मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत का संविधान एक पवित्र दस्तावेज है. यह वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना से प्रेरित है. इसे एक ऐसे राष्ट्र के नागरिकों ने तैयार किया, जिनकी भावनाओं के मूल में विश्व बंधुत्व और मानव कल्याण की सोच है. हमारी आजादी की लड़ाई की सोच हमारे संविधान में पूरी तरह से झलकती है. बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के नेतृत्व में जब हमारे छत्तीसगढ़ से संविधान निर्मात्री समिति के सदस्य संविधान तैयार कर रहे थे, तब निश्चय ही उनके सामने बाबा गुरु घासीदास जी के समतामूलक संदेश, शहीद वीरनारायण सिंह जी के संघर्ष की गाथा और पंडित सुंदरलाल शर्मा जी का छूआछूत विरोधी संघर्ष जैसे आदर्श रहे होंगे. इन सभी के विचारों को बाबा साहेब ने अंतिम ड्राफ्ट के रूप में बहुत सुंदरता से पिरोया था.

इस गणतंत्र की धरोहर को सुरक्षित रखने और सहेजने-संवारने की जिम्मेदारी हमारी और भावी पीढ़ी के हाथों में है. हमारा गणतंत्र हमें सत्यमेव जयते की सीख देता है. मुंडकोपनिषद का यह सूत्र वाक्य हमें बताता है कि अंधेरा कितना भी घना क्यों न हो, हमें उम्मीद नहीं छोडऩी चाहिए. अंतत: विजय सत्य की ही होती है. हमारे गणतंत्र की इस भावना की विजय हमने गंभीर नक्सलग्रस्त इलाकों में देखी है.

इन इलाकों में माओवाद ने अपनी हिंसक विचारधारा से न केवल आम आदमी के जीवन को नरक बना दिया था अपितु भारत के गणतंत्र को चुनौती देने के लिए गनतंत्र खड़े करने की योजना बनाकर काम कर रहे थे. हमारे सुरक्षा बलों का इनसे लगातार संघर्ष चल रहा है. यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में नई रणनीति बनाकर हमने माओवाद के कैंसर को नष्ट करने का काम किया है. इस कैंसर को नष्ट करने के लिए जरूरी था कि इसकी जड़ों पर प्रहार किया जाए. हमारे जवानों ने माओवादियों के सबसे सुरक्षित पनाहगाहों में हमला किया. इसके नतीजे बहुत अच्छे रहे. एक साल के भीतर ही हमने माओवादी कैडर के 260 से अधिक आतंकियों को मार गिराया. अंधेरी सुरंग खुल गई, जो रोशनी फूटी है उससे बस्तर में विकास का उजाला फैला है.

जब केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी पिछले महीने छत्तीसगढ़ आये तो बस्तर की इसी धरती में ग्राम गुंडम की एक बुजुर्ग माँ उनके पास आई, माता जी ने उन्हें वनोपजों की टोकरी भेंट की और कहा कि माओवाद को पूरी तरह से नष्ट कर दीजिए. जब सरकार का इरादा, जवानों का हौसला और जनता का संकल्प मिल जाता है, तो कोई भी हिंसक विचारधारा नहीं टिक सकती. बस्तर में माओवाद अब अंतिम सांसे गिन रहा है. शीघ्र ही बस्तर पूरी तरह से नक्सल आतंक से मुक्त हो जाएगा.

 मुख्यमंत्री ने कहा कि आतंक से मुक्ति के साथ ही बस्तर में नक्सल प्रभावित रहे क्षेत्रों में विकास की राह भी खुल गई है. इसका माध्यम हमारी सरकार द्वारा चलाई जा रही नियद नेल्ला नार योजना बनी है. अरसे बाद स्कूलों में घंटियां गूंजी, पानी-बिजली का पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित हुआ. आधार कार्ड बने और आयुष्मान कार्ड भी बन गये. बस्तर अब उमंग से भरा हुआ है. हमने यहां बस्तर ओलंपिक का आयोजन किया. पूरे बस्तर से 1 लाख 65 हजार लोगों ने हिस्सा लिया. इनमें नक्सल हिंसा से प्रभावित परिजन भी थे. आत्मसमर्पित नक्सली भी थे और नक्सल हिंसा में अपने अंग गंवा चुके दिव्यांगजन भी थे. खेलों के इस महाकुंभ में खिलाडिय़ों का उत्साह देखते ही बन रहा था, हम सबके लिए यह बहुत भावुक क्षण था, बस्तर ओलंपिक नये बस्तर की पहचान बन गया.

हर कदम में किसानों के साथ

     किसान परिवार से आने वाले लोगों ने खेती का वो वक्त भी देखा है जब कड़ी मेहनत से धान उपजाने के बाद मंडियों में किसान भाई धान लेकर जाते थे, तो औने-पौने में धान बेचकर आना पड़ता था. बहुत मुश्किल से परिवार चलता था. खरीफ के बाद उनके पास दूसरे राज्यों में जाकर मजदूरी करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता था. श्रद्धेय अटल जी ने छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण किया, तो धान खरीदी की व्यवस्था भी आरंभ हुई. धान के कटोरे में कोई भी भूखा न सोये, इसके लिए मुख्यमंत्री खाद्यान्न सहायता योजना भी आरंभ हुई. यह काम इतने व्यवस्थित तरीके से हुआ कि छत्तीसगढ़ देश में खाद्य सुरक्षा का माडल राज्य बन गया.

पांच सालों में ढाई लाख करोड़ रूपए के निवेश का लक्ष्य  

    नई औद्योगिक नीति में हमने इस बात का पूरा ध्यान रखा है कि ऐसे उद्योगों को प्रोत्साहन दें, जिनके लिए छत्तीसगढ़ की विशिष्टताओं के अनुरूप आगे बढऩे की भरपूर संभावनाएं हों. क्लाइमेट चेंज की चुनौतियों से निपटने के लिए मोदी जी ने वर्ष 2070 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है. इससे कार्बन उत्सर्जन कम करने वाली टेक्नालाजी अर्थात ग्रीन उद्यमों के लिए बड़ी संभावनाएं बनी हैं. नई उद्योग नीति में हमने इसके लिए निवेश प्रोत्साहन पैकेज रखा है. छत्तीसगढ़ में उद्यमी अब ग्रीन स्टील की ओर फोकस कर रहे हैं. नई उद्योग नीति से इसके लिए बेहतर वातावरण बन रहा है. इस बात का अनुमान है, कि अगले पांच वर्षों में प्रदेश में ढाई लाख करोड़ रुपए का निवेश होगा और इसके चलते पांच लाख नये रोजगार सृजित होंगे. हम अटल नगर, नवा रायपुर को आईटी हब के रूप में तैयार कर रहे हैं और तेजी से आईटी कंपनियां यहां निवेश के लिए सामने आ रही हैं. यहां पर हम 14 एकड़ में एआई डाटा सेंटर भी बना रहे हैं, इससे बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिल सकेगा. राज्य के युवाओं को वित्तीय बाजारों के लिए प्रशिक्षित करने और इसके माध्यम से रोजगार के अवसर बढ़ाने शासन द्वारा नेशनल स्टाक एक्सचेंज के साथ छात्र स्किलिंग प्रोग्राम के लिए एमओयू करने का निर्णय लिया गया है. यह प्रशिक्षण हाईस्कूल, हायर सेकेंडरी और कालेज के विद्यार्थियों के लिए संचालित किया जाएगा.

प्रदेश के 77 लाख 20 हजार परिवारों को मिली स्वास्थ्य सुरक्षा

    हमारी भारतीय परंपरा में आशीर्वाद देने पर लंबी आयु की कामना करते हुए आयुष्मान भव: कहा जाता है. लोगों की दीर्घायु और उनके अच्छे स्वास्थ्य से जुड़े सरोकार, हमारे लिए सर्वोच्च प्राथमिकता हैं. आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना शहीद वीर नारायण सिंह आयुष्मान स्वास्थ्य योजना अंतर्गत प्रदेश के 77 लाख 20 हजार परिवारों को स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान की गई है. जो समाज अपने वरिष्ठ नागरिकों का सम्मान करता है, वही समाज फलता-फूलता भी है. मोदी जी ने आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना का दायरा बढ़ाते हुए इसमें 70 वर्ष से अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों को सम्मिलित किया है. इन्हें अब पांच लाख रुपए तक के इलाज का लाभ मिल रहा है.  

छत्तीसगढ़ बनेगा मेडिकल टूरिज्म का केंद्र
    
हमारा उद्देश्य छत्तीसगढ़ को मेडिकल हब बनाना है, ताकि न केवल हमारे सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों में छत्तीसगढ़ के नागरिकों का इलाज हो सके अपितु छत्तीसगढ़ मेडिकल टूरिज्म के भी महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में स्थापित हो. इसके लिए हमने अटल नगर नवा रायपुर में 200 एकड़ भूमि चिन्हांकित की है. यहां मेडिसिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत 5 हजार बेड वाला अत्याधुनिक अस्पताल बनेगा.  अटल नगर नवा रायपुर में हम 141 एकड़ भूमि पर फार्मास्युटिकल पार्क भी स्थापित कर रहे हैं. इससे अटल नगर नवा रायपुर, मध्य भारत का फार्मास्युटिकल हब के रूप में उभरेगा.
 बिलासपुर में 200 करोड़ रुपए की लागत से सिम्स के विस्तार का कार्य शुरू कर दिया गया है. राजधानी रायपुर के अंबेडकर हास्पिटल में भी 700 बिस्तर अस्पताल के विस्तार के लिए हमने 231 करोड़ रुपए का टेंडर जारी कर दिया है. इसके पूरे होने के साथ ही अंबेडकर हास्पिटल में 2 हजार बेड की सुविधा हो जाएगी. प्रदेश में मेडिकल शिक्षा को विकसित करने के लिए चार नये मेडिकल कालेज जांजगीर-चांपा, कबीरधाम, मनेंद्रगढ़ और गीदम में भवनों के लिए 1020 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है.

विकसित छत्तीसगढ़ के लिए रोडमैप तैयार

    गांधी जी कहते थे कि भविष्य इस बात पर निर्भर करता है, कि हम वर्तमान में क्या करते हैं. मुझे इस बात की खुशी है, कि इस वर्ष जब हम छत्तीसगढ़ के स्थापना का रजत जयंती वर्ष मना रहे हैं तब हमने विकसित छत्तीसगढ़ की यात्रा का रोडमैप तैयार कर लिया है. वर्ष 2047 में जब आजादी के सौ वर्ष पूरे हो जाएंगे तब विकसित भारत के साथ ही विकसित छत्तीसगढ़ का भव्य स्वरूप हम सभी के सामने होगा. इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए हमने विजन डाक्यूमेंट तैयार किया है.
    हमारी सरकार ऐसी सरकार है, जिसने एक साल पूरे होने पर प्रदेश की जनता के समक्ष अपने एक साल का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किया है. हमारे पास शुभ संकल्प है. सच्चाई है. ईमानदारी है और पुरखों की परंपरा से आई शक्ति है. हम आप सभी के सहयोग से आगे बढ़ेंगे और हर बाधा को पार कर एक उज्ज्वल सशक्त विकसित छत्तीसगढ़ के अपने सपने को मूर्त रूप देंगे. अथर्ववेद का मंत्र है कृतं मे दक्षिणे हस्ते जयो मे सव्य आहित:. कार्य का शुभ संकल्प मन में हो तो सफलता जरूर मिलती है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-