पलपल संवाददाता, जबलपुर. एमपी के जबलपुर स्थित नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल अस्पताल में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. यहां पर डाक्टरों ने भरती मरीज इंद्रजीत शुक्ला को मृत घोषित कर डेथ सर्टिफिकेट बना दिया. हालांकि मेडिकल अस्पताल के जिम्मेदार अधिकारी इसे मानवीय भूल बता रहे है.
बताया गया है कि इंद्रजीत शुक्ला को गंभीर स्वास्थ समस्याओं के चलते नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल अस्पताल के आईसीयू में भरती कराया गया. बीते दिन डाक्टरों ने जांच के बाद इंद्रजीत शुक्ला को यह कहते हुए मृत घोषित कि सांसे थम चुकी है. 67 वर्षीय इंद्रजीत शुक्ला को डॉक्टर के कहने पर परिवार वाले जब वार्ड से स्ट्रेचर पर शिफ्ट करने के बाद मर्चुरी ले जा रहे थे, तभी कुछ ऐसा हुआ कि सभी की सहम गए.
बुजुर्ग के बेटे व बहू ने देखा कि मरीज की सांस चल रहीं हैं. उन्हें आभास हुआ कि पिता जी जिंदा है. इस घटना के बाद तुरंत ही मरीज के परिजन उन्हें लेकर वार्ड में पहुंचे. डॉक्टर को बताया गया कि जिन्हें मृत घोषित करते हुए डेथ सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया. वह अभी भी जिंदा है, उनकी सांस चल रही है. इस पूरी घटना के बाद बुजुर्ग को फिर से वार्ड में भर्ती कर लिया गया.
मरीज के परिजनों का कहना है कि दस दिन पहले इंद्रजीत शुक्ला सीने दर्द की शिकायत के चलते एक हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अंकित अग्रवाल के पास गए. जहां तीन ब्लॉकेज सामने आने के बाद उन्होंने अपने ही अस्पताल में हार्ट की बायपास सर्जरी की गई. दूसरे दिन पेट दर्द और सांस लेने में तकलीफ होने लगी. जिसके बाद गले में ट्यूब लगा दी गई, पेट में इंजेक्शन भी लगाए गए. इस दौरान अस्पताल प्रबंधन ने मरीज के परिजनों से लाखों रुपए वसूल किए और जब हालात में सुधार नहीं हुआ तो डॉक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए.
मरीज के परिजनों से कहा कि कहीं और ले जाए. मरीज की स्थिति देखते हुए दूसरे निजी अस्पतालों ने भर्ती नहीं किया तो अस्पताल प्रबंधन ने इंद्रजीत को आनन.फानन में मेडिकल कॉलेज में भर्ती करा दिया. इस मामले को लेकर मेडिकल अस्पताल प्रबंधन के जिम्मेदार डाक्टरों का कहना है कि मामले में सर्जरी विभागाध्यक्ष से जांच रिपोर्ट मांगी गई है. यह एक मानवीय भूल भी हो सकती है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-