नई दिल्ली. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ;सीबीआईद्ध ने भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के सात अधिकारियों के खिलाफ सरकारी भंडारण केंद्रों में बड़े पैमाने में चोरी, धोखाधड़ी से जुड़ी गतिविधियों व 1.8 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार के लिए दो अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की हैं. अधिकारियों ने मामला दर्ज होने के बाद जांच शुरु कर दी है.
आईटीबीपी की शिकायत पर दर्ज की गई पहली प्राथमिकी में CBI ने आरोप लगाया कि 2019-21 के दौरान पिथौरागढ़ में तैनात कमांडेंट अनुप्रीत बोरकर ने डिप्टी कमांडेंट दीपक गोगोई, पूरन राम, मुकेशचंद मीणा, निरीक्षक अनिल कुमार पांडे व ठेकेदार मदन सिंह राणा के साथ मिलकर कई अवैध गतिविधियों को अंजाम दिया जो मुख्य रूप से सीमा चौकियों पर सरकारी सामान और सामग्री पहुंचाने की निविदा प्रक्रिया से संबंधित थी. सीबीआई की प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि आरोपियों ने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया.
निविदा शर्तों में गड़बडिय़ां की व अवैध गतिविधियों में संलिप्त रहे. जिसके कारण सरकारी धन से बड़ी मात्रा में गबन हुआ और लगभग 1.54 करोड़ रुपये की हानि हुई. अधिकारियों का कहना है कि कि दूसरा मामला 2017-18 व 2018-19 के दौरान सरकारी भंडारण केंद्र में कथित चोरी से संबंधित है. CBI ने तत्कालीन कमांडेंट महेंद्र प्रताप, गोगोई, मीणा व ठेकेदारों मदन सिंह राणा, कुंदन सिंह भंडारी व पूरन सिंह बिष्ट पर सरकारी भंडार केंद्रों से बड़े पैमाने पर चोरी और धोखाधड़ी से जुड़ी गतिविधियों को अंजाम देने के आरोप में मामला दर्ज किया है.
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