राष्ट्रपति मुर्मू का संसद में अभिभाषण: भारत बनेगा दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था

राष्ट्रपति मुर्मू का संसद में अभिभाषण: भारत बनेगा दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था

प्रेषित समय :12:51:21 PM / Fri, Jan 31st, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

नई दिल्ली. संसद का बजट सत्र 2025 आज से शुरू हुआ, जिसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित किया। उन्होंने सरकार की उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की। राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने अभिभाषण की शुरुआत में संविधान को अंगीकार किए जाने के 75 वर्ष पूरे होने का जिक्र करते हुए डॉ. भीमराव आंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद उन्होंने मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज महाकुंभ में हुए हादसे पर गहरा दुख जताया और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की। उन्होंने प्रशासन को इस घटना की गहन जांच के निर्देश देने पर भी जोर दिया।

राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि भारत तेजी से दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने बताया कि सरकार की नीतियों के कारण देश में गरीबों को सम्मानजनक जीवन मिला है और मध्यम वर्ग के सपनों को नए आयाम मिले हैं। सरकार का संकल्प है "सबका साथ, सबका विकास" और इसके तहत हर नागरिक को आवास, शिक्षा और रोजगार उपलब्ध कराने पर जोर दिया जा रहा है।

राष्ट्रपति ने महिला सशक्तिकरण पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सरकार महिला नेतृत्व वाले विकास (Women Led Development) को प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने कहा कि भारत की बेटियां लड़ाकू विमान उड़ा रही हैं, कॉर्पोरेट जगत में नेतृत्व कर रही हैं और खेलों में देश का नाम रोशन कर रही हैं। युवाओं के रोजगार के अवसरों को लेकर उन्होंने बताया कि स्टार्टअप इंडिया और डिजिटल इंडिया योजनाओं के तहत लाखों युवाओं को नौकरियां मिली हैं। इसके अलावा, एक करोड़ युवाओं के लिए इंटर्नशिप कार्यक्रम शुरू किया गया है ताकि उन्हें व्यावहारिक अनुभव मिल सके।

राष्ट्रपति ने भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रमों की सराहना करते हुए कहा कि जल्द ही गगनयान मिशन के तहत भारतीय अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में कदम रखेंगे। इसके साथ ही इसरो के सफल सैटेलाइट प्रक्षेपणों और नालंदा विश्वविद्यालय के नए कैंपस के उद्घाटन का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारत विज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है और इसके लिए 50,000 करोड़ रुपये की लागत से अनुसंधान केंद्र स्थापित किए गए हैं। किसानों और छोटे व्यापारियों को लेकर उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया के कारण आज वैश्विक उत्पादों पर 'मेड इन इंडिया' का लेबल दिखने लगा है। सरकार ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए लगातार कदम उठा रही है, जिससे छोटे उद्यमियों को स्वरोजगार के अधिक अवसर मिल रहे हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि डिजिटल इंडिया अभियान ने सामाजिक न्याय और समानता को बढ़ावा दिया है। उन्होंने पीएम स्वनिधि योजना का उल्लेख करते हुए बताया कि इससे रेहड़ी-पटरी वालों को बैंकिंग व्यवस्था से जोड़ा गया है। साथ ही राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 91 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों को आर्थिक रूप से सशक्त किया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि इससे छात्रों को आधुनिक शिक्षा मिल रही है। उन्होंने बताया कि अब प्रतियोगी परीक्षाएं 13 भारतीय भाषाओं में आयोजित की जा रही हैं और उच्च शिक्षण संस्थानों की संख्या में वृद्धि हुई है।