शिमला. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विदेशी मुद्रा व्यापार के नाम पर मल्टी-लेवल मार्केटिंग (एमएलएम) स्कीम चलाने वाले गिरोह पर बड़ी कार्रवाई करते हुए 30 से अधिक बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है. इन खातों में जमा लगभग 170 करोड़ रुपये की संपत्ति को भी जब्त किया गया है.
ईडी चंडीगढ़ जोनल कार्यालय की टीम ने यह छापेमारी क्यूएफएक्स ट्रेड लिमिटेड नामक कंपनी के दिल्ली, नोएडा, रोहतक और शामली (उत्तर प्रदेश) स्थित कार्यालयों पर की. दो दिन तक चली इस कार्रवाई में कंपनी संचालकों के घरों और अन्य ठिकानों से 90 लाख रुपये से अधिक की नकदी भी बरामद हुई है. ईडी के अनुसार, कंपनी के संचालक अपनी आय के स्रोतों को स्पष्ट नहीं कर पाए, जिसके बाद यह जब्ती की कार्रवाई की गई. हालांकि, ईडी ने अभी तक गिरफ्तार किए गए एजेंटों के नामों का खुलासा नहीं किया है.
जांच में पता चला है कि हिमाचल प्रदेश के क्यूएफएक्स ग्रुप की कंपनियों के एजेंट क्यूएफएक्स निवेश योजना के नाम से एक एमएलएम स्कीम चला रहे थे. वे लोगों को विदेशी मुद्रा व्यापार में निवेश करने पर आकर्षक रिटर्न का लालच देकर ठगते थे. इसके लिए वेबसाइट, ऐप और सोशल मीडिया विज्ञापनों का भी इस्तेमाल किया जाता था.
गौरतलब है कि हिमाचल पुलिस ने पहले ही क्यूएफएक्स कंपनी के संचालकों के खिलाफ प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज कर रखी है. पुलिस कार्रवाई के बाद, कंपनी ने अपनी योजना का नाम बदलकर वाईएफएक्स (यॉर्कर एफएक्स) कर दिया और उसी तरीके से विदेशी मुद्रा व्यापार की आड़ में लोगों से निवेश कराना जारी रखा. ईडी के मुताबिक, इस पूरे घोटाले का मास्टरमाइंड नवाब अली उर्फ लविश चौधरी है. उसने क्यूएफएक्स के अलावा बॉट-ब्रो, टीएलसी और यॉर्कर एफएक्स जैसी कई अन्य फर्जी निवेश योजनाएं भी शुरू की थीं, जिन्हें फॉरेक्स ट्रेडिंग ऐप या वेबसाइट के रूप में प्रचारित किया गया था.
कंपनी निवेशकों को लुभाने के लिए भारत और दुबई में भव्य कार्यक्रम आयोजित करती थी. इन कंपनियों के निदेशकों में राजेंद्र सूद, विनीत कुमार और संतोष कुमार शामिल हैं, जबकि मुख्य सूत्रधार नवाब अली उर्फ ??लविश चौधरी है. यह गिरोह विदेशी मुद्रा व्यापार की आड़ में मल्टी-लेवल मार्केटिंग स्कीम चला रहा था.
चंडीगढ़ ईडी कार्यालय इस मामले की गहनता से जांच कर रहा है. जांच में यह भी पाया गया कि मेसर्स एन-पेय बॉक्स प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स कैप्टर मनी सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स टाइगर डिजिटल प्राइवेट लिमिटेड जैसे कई बैंक खातों का इस्तेमाल निवेशकों से पैसे इक_ा करने के लिए किया जा रहा था. ईडी की तलाशी में यह खुलासा हुआ कि क्यूएफएक्स/वाईएफएक्स योजना के मुख्य साजिशकर्ता इन फर्जी कंपनियों का उपयोग निवेशकों से जमा राशि प्राप्त करने के लिए कर रहे थे.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-