छत्तीसगढ़: विधायक देवेंद्र यादव को मिली जमानत, 7 महीने बाद जेल से बाहर आएंगे, बलौदाबाजार हिंसा केस में सुप्रीम कोर्ट ने दी राहत

विधायक देवेंद्र यादव को मिली जमानत, 7 महीने बाद जेल से बाहर आएंगे

प्रेषित समय :16:56:21 PM / Thu, Feb 20th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

पलपल संवाददाता, रायपुर. छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार हिंसा मामले में रायपुर जेल में बंद भिलाई विधायक देवेंद्र यादव को जमानत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट में उनकी जमानत याचिका पर हुई सुनवाई के बाद जमानत के निर्देश जारी कर दिए हैं. माना जा रहा है कि स्थानीय प्रक्रिया के बाद देवेंद्र यादव रायपुर जेल से बाहर आएंगे. वे 17 अगस्त से जेल में बंद थे.

10 जून 2024 को बलौदाबाजार में सतनामी समाज ने जैतखाम तोड़े जाने का विरोध करते हुए कलेक्टर व एसपी ऑफिस जला दिया था. इस मामले में भीड़ को भड़काने, आंदोलनकारियों का साथ देने का आरोप लगाकर कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव पर केस दर्ज किया गया था. सुप्रीम कोर्ट से इस केस को लेकर दिए गए दिशा निर्देश से जुड़े दस्तावेज बलौदाबाजार की अदालत में पेश किए जाएंगे. विधायक देवेंद्र यादव की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अपने बचाव में कहा गया कि बलौदाबाजार हिंसा घटना वाले दिन वह सिर्फ सभा में शामिल हुए, लेकिन वो मंच पर नहीं गए. उन्होंने मंच से कोई भाषण नहीं दिया. इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि उन्होंने भीड़ को उकसाया होगा.

कार्यक्रम में शामिल होने और वापस लौट जाने का समय हिंसक घटना के समय से बिल्कुल अलग है. जहां हिंसक घटना हुई वहां देवेंद्र यादव मौजूद नहीं थे. उनकी गिरफ्तारी भिलाई स्थित उनके घर से हुई जो की घटनास्थल से कई किलोमीटर दूर है. पुलिस की कार्रवाई पूरी तरह से गलत और राजनीति से प्रेरित है. गौरतलब है कि 15 मई को सतनामी समुदाय के धार्मिक स्थल गिरौदपुरी धाम से करीब 5 किमी मानाकोनी बस्ती स्थित बाघिन गुफा में लगे धार्मिक चिन्ह जैतखाम को देर रात क्षतिग्रस्त कर दिया गया था. इसके बाद कार्रवाई की मांग उठी और लगातार लोकल स्तर पर प्रदर्शन हुए. 19 मई को पुलिस ने इस मामले में बिहार निवासी 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया.

पूछताछ में पता चला कि नल.जल योजना कार्य में ठेकेदार पैसे नहीं दे रहा था. इसलिए शराब के नशे में आरोपियों ने तोडफ़ोड़ कर दी. लेकिन इस कार्रवाई से समाज के लोग संतुष्ट नहीं थे. इस बीच 10 जून को बलौदाबाजार में प्रदर्शन के दौरान अचानक से लोग उग्र हो गए और बवाल बढ़ता चला गया. हिंसा के दौरान कलेक्टर-एसपी आफिस में आगजनी की गई. कई गाडिय़ां जला दी गई. इसके बाद कई जनप्रतिनिधि समेत करीब 200 लोगों की गिरफ्तारी हुई. प्रदर्शन में एक वीडियो सामने आया जिसमें देवेंद्र यादव भी शामिल दिखे. इस मामले में उन्हें नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया गया. एक बार वे पूछताछ के लिए बलौदाबाजार भी पहुंचे. इसके बाद 17 अगस्त को उनकी गिरफ्तारी हुई थी.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-