MP हाईकोर्ट का रेप पीडि़ता को लेकर अहम फैसला, 24 सप्ताह तक का गर्भ होने पर पॉक्सो कोर्ट करेगी सुनवाई

MP हाईकोर्ट का रेप पीडि़ता को लेकर अहम फैसला, 24 सप्ताह तक का गर्भ होने पर पॉक्सो कोर्ट करेगी सुनवाई

प्रेषित समय :13:52:37 PM / Fri, Feb 21st, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

जबलपुर. मध्यप्रदेश हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने रेप पीडि़ताओं के गर्भपात को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. इंदौर और जबलपुर बेंच की एकलपीठों द्वारा अलग-अलग दिशा-निर्देश जारी किए गए थे, जिसके बाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने स्वत: संज्ञान लेते हुए स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं.

24 सप्ताह तक के गर्भ के लिए तत्काल फैसला

अगर पीडि़ता का गर्भ 24 सप्ताह या उससे कम अवधि का है, तो संबंधित जिले की पॉक्सो कोर्ट में मामला पेश करना होगा.
पॉक्सो कोर्ट तीन दिन के भीतर गर्भपात पर फैसला लेगी.
पीडि़ता को बिना किसी आवेदन के मेडिकल बोर्ड भेजा जाएगा और परिजनों की अनुमति लेकर गर्भपात की प्रक्रिया करवाई जाएगी.
24 सप्ताह से अधिक के गर्भ पर हाईकोर्ट की अनुमति अनिवार्य
अगर गर्भ 24 सप्ताह से अधिक का है, तो जिला कोर्ट मामला हाईकोर्ट को भेजेगा.
हाईकोर्ट स्वत: संज्ञान लेते हुए तेजी से मामले का निपटारा करेगी.
मेडिकल विशेषज्ञों की राय के आधार पर गर्भपात की अनुमति दी जाएगी.
डीएनए परीक्षण के लिए भ्रूण को सुरक्षित रखना अनिवार्य होगा.

कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर लिया फैसला

हाल ही में जबलपुर और इंदौर बेंच की अलग-अलग गाइडलाइंस में विसंगति देखने को मिली थी. इस पर डिवीजन बेंच ने स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई की और उप-महाधिवक्ता अभिजीत अवस्थी व शासकीय अधिवक्ता अनुभव जैन की दलीलों को सुनने के बाद नई एसओपी जारी की.

डीएनए टेस्ट के लिए भ्रूण सुरक्षित रखना अनिवार्य

दोनों ही स्थितियों में हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि डीएनए परीक्षण के लिए भ्रूण को सुरक्षित रखना जरूरी होगा, ताकि न्यायिक प्रक्रिया में इसका उपयोग किया जा सके.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-