नई दिल्ली. 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में सज्जन कुमार को आज यानी मंगलवार, 25 फरवरी को सजा सुनाई गई. स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने आज दोपहर 2 बजे सज्जन कुमार को उम्र कैद की सजा सुनाई गई. सज्जन कुमार पहले से ही सिख विरोधी दंगों से संबंधित एक मामले में दिल्ली हाईकोर्ट की ओर से 2018 में दोषी ठहराए जाने के बाद आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं.
बता दें कि 1984 के दंगे 31 अक्टूबर, 1984 को प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों की ओर से हत्या के बाद भड़के थे. इसके कारण राष्ट्रीय राजधानी में ही कम से कम 2,800 लोग मारे गए थे.
1984 के सिख विरोधी दंगों की प्रमुख बातें
1- 31 अक्टूबर, 1984 को प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या उनके सिख अंगरक्षकों के द्वारा की गई थी.
2- प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के अगले दिन यानी 1 नवंबर 194 को दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में सिख विरोधी दंगे भड़क उठे.
3- मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इन दंगों ने सिर्फ दिल्ली में ही करीब 2800 लोग मारे गए थे. देशभर में मरने वालों का आंकड़ा करीब 3500 था.
4- इसके बाद मई, 2000 में दंगों की जांच के लिए नानावती कमीशन का गठन हुआ.
5- CBI ने GT नानावती कमीशन की सिफारिश पर 24 अक्टूबर, 2005 को केस दर्ज किया.
6- ट्रायल कोर्ट ने इसके बाद कांग्रेस नेता सज्जन कुमार, बलवान खोकर, महेंद्र यादव, कैप्टन भागमल, गिरधारी लाल, किशन खोकर, महा सिंह और संतोष रानी को 1 फरवरी, 2010 को एक समन जारी किया.
7- कोर्ट ने सज्जन कुमार को 30 अप्रैल, 2013 को बरी कर दिया.
8- सीबीआई ने 19 जुलाई, 2013 को हाई कोर्ट में अपील की. हाई कोर्ट ने 22 जुलाई, 2013 को सज्जन कुमार को एक नोटिस जारी किया.
9- दिल्ली कैंट की पालम कॉलोनी में 5 सिखों की हत्या के बाद गुरुद्वारा जला दिया गया था. हाईकोर्ट ने इस मामले में सज्जन कुमार को 17 दिसंबर, 2018 को पांच सिखों की हत्या के मामले में दोषी ठहराया. कोर्ट ने सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई.
10- तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दंगों के 21 साल बाद संसद में माफी मांगी थी. मनमोहन सिंह ने संसद में कहा था, जो कुछ भी हुआ, उससे उनका सिर शर्म से झुक जाता है.