छत्तीसगढ बजट सत्र में उठा जल जीवन मिशन में गड़बड़ी का मुद्दा, कौशिक ने कहा ठेकेदारों पर दर्ज हो एफआईआर

छत्तीसगढ बजट सत्र में उठा जल जीवन मिशन में गड़बड़ी का मुद्दा

प्रेषित समय :19:40:32 PM / Thu, Feb 27th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

पलपल संवाददाता, रायपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन सदन में जल जीवन मिशन में गड़बड़ी का मुद्दा उठा. विधायक धरमलाल कौशिक ने दोषी ठेकेदारों पर एफआईआर दर्ज करने के साथ ही उन्हें ब्लैक लिस्ट करने की मांग की. कौशिक ने कहा कि इन पर एक्शन लेने पर प्रदेश में हो रहे भ्रष्टाचार के मामलों में कमी आएगी.

इससे पहले जल जीवन मिशन के सवाल पर डिप्टी सीएम अरुण साव के जवाब से असंतुष्ट होकर कांग्रेस विधायकों ने वॉकआउट कर दिया था. गांवों में नल कनेक्शन के जवाब पर साव ने कहाए कि 355 गांवों में कनेक्शन दिया जा चुका है, 84 गांवों में पानी आ रहा है. 7 गांव में कनेक्शन देना बाकी है. अजय चंद्राकर ने जल जीवन मिशन योजना को लेकर कहा कि योजना बनाने पर डीपीआर में पाया गया कि गांव में कोई जल स्रोत नहीं है. वहां भी टंकी बना दी और पाइपलाइन बिछा दी गई, ये तो खुला करप्शन है. ऐसी जगहों को चिन्हांकित करके क्या कार्रवाई करेंगे ऐसे अधिकारियों या तत्कालीन लोगों पर. तभी भूपेश बघेल खड़े होकर डॉ रमन से बोले कि अध्यक्ष महोदय ये दोनों अजय चंद्राकर और अरुण साव खड़े हो जाते हैं. निर्देश करें कि एक बोले तो दूसरा बैठ जाए.

चंद्राकर बोले कि ये सब आपके समय की ही कलाकारी है जिसको वो भोग रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि मंत्री ठीक तरह से जवाब नहीं दे रहे हैं, हम वॉकआउट करते हैं. वहीं अरुण साव ने कहा कि मैं सदन के सबके सामने स्पष्ट रूप से यह कहूंगा कि किसी भी ठेकेदार का जब तक काम पूरा नहीं होगा 70 प्रतिशत से अधिक भुगतान नहीं करेंगे. जब तक पूरी तरह से योजना संचालित नहीं होगी भुगतान नहीं होगा. स्रोत नहीं पाया गया योजना या पूरी नहीं हुई तो संबंधित लोगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेंगे. अजय चंद्राकर फिर सवाल करने खड़े हुए तो डॉ रमन ने कहा कि मंत्री ने कह तो दिया कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेंगे, चंद्राकर बोले कड़ी से कड़ी सुन ही रहा हूं कब से कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

इससे पहले मंत्री लखनलाल देवांगन ने भी अपने विभागों से जुड़ी जानकारी दी. महंत ने पूछा. सरकार ने औद्योगिक नीति बनाई लेकिन राजनांदगांव में एक साल में ही 5 उद्योग बंद हो गए. ये वित्तीय कारणों से बंद होना बताया गया. इनको सहयोग क्यों नहीं दिया गया. मंत्री लखनलाल ने जवाब दिया कि जो बंद 5 उद्योग के बारे में बताया गया है. उनको भी उद्योग विभाग के नियमों के अनुसार सब्सिडी दी गई. उनको ब्याज अनुदान में 75 लाख 31 हजार व 60 लाख की सहायता दी गई है. 2023 में भी कांग्रेस के समय 18 उद्योग बंद हुए हैं. हमारा प्रयास है कि उद्योगों को लाभ मिले.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-