नई दिल्ली. केंद्रीय कैबिनेट ने बड़ा फैसला लेते हुए हेमकुंड साहिब रोपवे परियोजना को मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही सोनप्रयाग से केदारनाथ रोपवे परियोजना पर भी मुहर लगा दी है. इससे हेमकुंड साहिब और केदारनाथ जाने के लिए ऊंची चढ़ाई से लोग बच सकेंगे. सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि सोनप्रयाग से केदारनाथ के बीच 12.9 किमी लंबा रोपवे बनाया जाएगा. इस पर 4,081 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. हेमकुंड साहिब रोपवे पर 2,730 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इसके अलावा सरकार ने 3,880 करोड़ रुपये के पशु स्वास्थ्य और रोग निवारण कार्यक्रम को मंजूरी दी है.
केदारनाथ रोपवे के लाभ
- वर्तमान में 8-9 घंटे लगने वाली यात्रा अब केवल 36 मिनट में पूरी होगी.
- पर्यावरण के अनुकूल, आरामदायक और तेज़ कनेक्टिविटी प्रदान करेगा.
- चारधाम यात्रा को बढ़ावा, जिससे स्थानीय व्यवसायों को लाभ मिलेगा और क्षेत्र की आर्थिक वृद्धि को बल मिलेगा.
- पूरे छह महीने तीर्थयात्रियों की आवाजाही बनी रहेगी, जिससे शुरुआती दो महीनों में संसाधनों पर अत्यधिक दबाव कम होगा.
- यात्रा सीजन में रोजग़ार के अवसरों में वृद्धि होगी. वृद्धजन और दिव्यांगजन के लिए यात्रा को अधिक सुगम और सुविधाजनक बनाएगा.
23 लाख लोग केदारनाथ गए
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, 'विरासत पर गर्व मुहिम के तहत सरकार ने इन फैसलों पर मुहर लगाई है. केदारनाथ में पिछले साल 23 लाख श्रद्धालु गए थे. उन्हें काफी ऊंची चढ़ाई करनी पड़ी. लेकिन इस रोपवे के बन जाने से 8 से 9 घंटे की यात्रा अब 36 मिनट में पूरी हो जाएगी. इससे स्थानीय लोगों को व्यापार में फायदा होगा. दिव्यांगों को फायदा होगा. बुजुर्गों को अब चढ़कर जाना नहीं पड़ेगा. हेमकुंड साहिब पर भी यही सोचकर फैसला लिया गया है.
इतने दिनों में प्रोजेक्ट होगा कम्पलीट
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यह प्रोजेक्ट पीपीपी मॉडल पर हैं. रोपवे का कार्य पूरा होने में 4 से 6 साल लगेंगे. हम इन योजनाओं को बहुत बारीकी से देखते हैं. खच्चर वालों का ध्यान रखा है. इससे उनकी आमदनी में इजाफा होगा. पर्यावरण का भी ध्यान रखा गया है. इसके अलावा किसानों के बारे में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए अश्विनी वैष्णव ने कहा, सरकार ने एक प्रोजेक्ट पर मुहर लगाई है. इससे पशुओं के टीकाकरण होगा. घर के दरवाजे पर सुविधा मिलेगी. टीकाकरण पर सरकार की नजर होगी. पशु औषधि योजना बनाई गई है. इसके तहत को ऑपरेटिव सोसाइटी के जरिए दवा मिलेगी.
हेमकुंड साहिब इसलिए है प्रसिद्ध
दूसरा प्रोजेक्ट हेमकुंड साहिब में रोपवे बनाने का है. इस प्रोजेक्ट से हेमकुंड साहिब और वैली ऑफ़ फ्लावर तक की यात्रा की जा सकेगी. हेमकुंड साहिब उत्तराखंड चमोली जिले में 15,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित एक अत्यंत पवित्र तीर्थ स्थल है. ऐसा माना जाता है कि सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी ने यहां ध्यान लगाया था. यह स्थान भगवान राम के भाई लक्ष्मण के तपस्थल के रूप में भी प्रसिद्ध है. इस पवित्र स्थल पर बना गुरुद्वारा वर्ष में लगभग 5 महीने (मई से सितंबर) तक खुला रहता है. 2023 में, लगभग 1.77 लाख श्रद्धालुओं ने हेमकुंड साहिब जी की यात्रा की. हेमकुंड साहिब जी के रास्ते में घांघरिया नामक एक स्थान पड़ता है, जो प्रसिद्ध फूलों की घाटी का प्रवेश द्वार है. यह राष्ट्रीय उद्यान यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है और गढ़वाल हिमालय की सुंदर वादियों में स्थित है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-