अभिमनोज
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि- अदालतों को लोगों की स्वतंत्रता से जुड़े मामलों में सुनवाई के लिए लंबी तारीख नहीं देनी चाहिए.
खबर है कि.... पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने मेडिकल ग्राउंड पर अस्थायी जमानत की याचिका की सुनवाई के लिए दो महीने बाद की तारीख दी थी, इसी के मद्देनजर जस्टिस बीआर गवई की अगुवाईवाली बेंच ने यह टिप्पणी की है.
खबरों की मानें तो.... सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट के सामने जल्दी सुनवाई की मांग रखने की अनुमति दी और हाईकोर्ट से अनुरोध किया गया कि वह मेडिकल आधार पर याचिका की सुनवाई जल्दी करे.
इस मामले में याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि- याचिकाकर्ता की दो साल की बेटी को तत्काल सर्जरी की जरूरत है, लिहाजा अस्थायी जमानत के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, हाईकोर्ट ने 21 फरवरी को सुनवाई की अगली तारीख 22 अप्रैल रखी, याचिकाकर्ता के वकील का कहना था कि- उन्होंने पहले ही हाईकोर्ट में जल्दी सुनवाई के लिए आवेदन दिया था, लेकिन उसे खारिज कर दिया गया था!
सुप्रीम कोर्ट: देश की अदालतें लोगों की स्वतंत्रता से जुड़े मामलों में नहीं दें तारीख-पर-तारीख!

प्रेषित समय :20:26:01 PM / Sat, Mar 8th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर