अजय कुमार,लखनऊ
12 दिसंबर 2024 लखनऊ में 18 वर्षीय छात्र अनुज ने ऑनलाइन गेम लूडो में बीस हजार रुपये हारने के बाद आत्महत्या कर ली.कमरे में उसका शव पंखे से लटका मिला.
09 अक्टूबर 2024 को यूपी के हाथरस में पिता सुखबीर सिंह द्वारा बेटे आकाश को ऑनलाइन गेम खेलने से मना करने पर नाराज बेटे ने आत्महत्या कर ली. आकाश ऑनलाइन गेम में साढे़ तीन लाख रूपये हार चुका था.
24 सितंबर 2024 को उन्नाव में एक सिपाही ने ऑनलाइन गेम में करीब दस लाख रूपये हारने के बाद विभाग से मदद की गुहार लगाई और आत्महत्या की मजबूरी जताई. इस पर पुलिस के बड़े अधिकारियों ने उसे काफी समझाया बुझाया और उसका ब्रेनवॉश करा,तब जाकर वह अवसाद से उबर पाया.
मध्य प्रदेश के इंदौर में आईआईटी का एक मेधावी छात्र अपनी फीस के पैसे चुनाव में हार गया. गरीब घर का छात्र इतना तनावग्रस्त हो गया कि उसने मौत को गले लगा लिया और सोसाइट नोट में लिखकर कहा,‘लूडो की लत ड्रग्स से भी ज्यादा खतरनाक है.
अभी कुछ दिनों पूर्व उत्तर प्रदेश के जिला हरदोई के कासिमपुर थाना क्षेत्र निवासी और दिल्ली में कबाब पराठा बेच कर अपना परिवार चलाने वाले 25 वर्षीय एक युवक सुरेंद्र कुमार ने ऑनलाइन गेम लूडो में डेढ़ लाख रुपये हारने के कारण फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली. बीती जनवरी में वह गांव आया और इसके बाद दिल्ली में कर्जा होने के कारण बैंगलोर जाकर कबाब पराठा बेचने लगा. होली से एक सप्ताह पहले वह घर आया था. 13 मार्च को वह गुस्से में अपना मोबाइल तोड़कर दिल्ली जाने की बात कहकर घर से निकला था. बड़े भाई विनोद के मुताबिक सुरेंद्र के परिचित दिल्ली निवासी एक शख्स को उन्होंने शनिवार को फोन किया. सुरेंद्र के दिल्ली पहुंचने के बारे में पूछा तो मालूम हुआ कि वह नहीं पहुंचा. इस पर तलाश की तो पता चला कि पुलिस को अलीपुर टंडवा में अज्ञात शव मिला है. परिजनों ने रविवार को मोर्चरी पहुंचकर शव की पहचान कर ली. विनोद के मुताबिक सुरेंद्र बीते दिनों डेढ़ लाख रुपये ऑनलाइन गेम में हार जाने के कारण कर्जदार हो गया था. इसको लेकर परेशान था और आहत होकर खुदकुशी कर ली थी. ऑन लाइन गेम में कर्जदार होने के बाद जान देने की यह कुछ घटनाएं अपवाद भर हैं,जबकि इसी लिस्ट लम्बी चौड़ी है. अक्सर ही इस तरह की खबरें आती रहती हैं,लेकिन इसको सरकार कितना गंभीरता से लेती है,यह चिंतनीय है.
यह सच है कि वर्तमान समय में ऑनलाइन लूडो गेम्स का खेलना बहुत ही लोकप्रिय हो गया है.देश में प्रति माह हजारों करोड़ का ऑनलाइन गेम खेला जाता है.इसके चंगुल में हजारों गैंम्बलर फंस जाते हैं. कुछ मामले पुलिस तक पहुंचते भी हैं वहीं कई मामलों में तो भुक्तभोगी शर्म के मारे मुंह भी नहीं खोलनते हैं. मोबाइल एप्लिकेशन और इंटरनेट की बढ़ती पहुंच के कारण, लाखों लोग इस खेल का आनंद ले रहे हैं. हालांकि, इस खेल के बढ़ते प्रभाव से जुड़ी कुछ गंभीर समस्याएं सामने आई हैं. खासकर, कुछ खिलाड़ी मानसिक दबाव और लत के कारण गंभीर समस्याओं का सामना कर रहे हैं, जिनका अंत आत्महत्या जैसी दुखद घटनाओं में हो रहा है. यह रिपोर्ट इस विषय पर प्रकाश डालती है कि कैसे ऑनलाइन लूडो गेम्स मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहे हैं और इसके कारण होने वाली आत्महत्याओं पर चर्चा करती है.
लूडो एक पारंपरिक खेल है, जो पहले दोस्तों और परिवार के साथ बोर्ड पर खेला जाता था. लेकिन, इंटरनेट के युग में इसे डिजिटल रूप में पेश किया गया है, जिससे इसे कहीं भी, कभी भी खेला जा सकता है. इसमें भाग लेने के लिए लोगों को किसी विशेष स्थान पर एकत्रित होने की आवश्यकता नहीं होती, जिससे यह खेल बहुत ही आकर्षक हो गया है. ऑनलाइन लूडो गेम्स को खेलने के लिए लोग पैसे भी दांव पर लगाते हैं, जिससे यह और भी रोमांचक और जोखिम भरा बन जाता है.
इस खेल में खिलाड़ी अपने मोबाइल फोन या कंप्यूटर के माध्यम से खेल सकते हैं और रियल-टाइम में अन्य खिलाड़ियों के साथ मुकाबला कर सकते हैं. इसमें जीतने पर पुरस्कार मिलने की संभावना होती है, लेकिन इससे जुड़ी एक बड़ी समस्या यह है कि यदि कोई खिलाड़ी लगातार हारता है, तो उसे मानसिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है. यही मानसिक दबाव कभी-कभी आत्महत्या के रूप में परिणत हो सकता है.
मानसिक स्वास्थ्य पर असररू ऑनलाइन लूडो गेम्स में खेलने वाले खिलाड़ियों को अक्सर हार का सामना करना पड़ता है, जिससे उनमें निराशा, तनाव और चिंता की भावना उत्पन्न होती है. लूडो में पैसे दांव पर लगाए जाने के कारण यह खेल और भी खतरनाक हो जाता है. हारने के बाद लोगों को पैसों का नुकसान होता है, जिससे उनकी मानसिक स्थिति बिगड़ सकती है.
कई बार लोग इस खेल के प्रति इतनी लत लगाते हैं कि वे अपनी अन्य जिम्मेदारियों और कार्यों को नजरअंदाज कर देते हैं. यह लत उनके व्यक्तिगत जीवन, करियर और रिश्तों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है. खेल में जीतने की उम्मीद में लोग इसे निरंतर खेलते रहते हैं, जिससे उनका समय और ऊर्जा बर्बाद होती है.
ऑनलाइन लूडो गेम्स में पैसे की बाजी लगाने से आर्थिक संकट उत्पन्न हो सकता है. हारने पर लोग अपनी पूरी बचत तक गंवा देते हैं. यह आर्थिक दबाव उनके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है और कभी-कभी वे इससे बाहर निकलने के लिए आत्महत्या जैसा कदम उठाते हैं. ऑनलाइन लूडो खेलने वाले बहुत से लोग अपने मित्रों और सोशल मीडिया पर अपनी जीत को प्रदर्शित करते हैं. जब कोई व्यक्ति लगातार हारता है, तो उसे अपने दोस्तों से हीनता का अहसास हो सकता है, जिससे उसके आत्मसम्मान पर असर पड़ता है.
कई बार देखा गया है कि इस खेल के कारण मानसिक तनाव और निराशा के शिकार कुछ लोग आत्महत्या तक का रास्ता अपनाते हैं. उदाहरण के लिए, एक घटना में एक युवक ने ऑनलाइन लूडो खेलते-खेलते कई बार हारने के बाद खुदकुशी कर ली. उसने कई बार पैसे दांव पर लगाए थे, लेकिन हारता गया, जिससे वह आर्थिक और मानसिक दबाव का शिकार हो गया. इस प्रकार के उदाहरणों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, जो इस खेल के मानसिक और शारीरिक प्रभावों को उजागर करते हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-