अनिल मिश्र/ रांची
झारखंड प्रदेश के स्टील सिटी के नाम से मशहूर बोकारो में कल सीआईएसएफ द्वारा लाठीचार्ज में मौत हुए प्रेम महतो के परिवार को मुआवजा के तौर पर एक करोड़ मिले और दोषी अधिकारीयों एवं जवानों को तत्काल 302 इरादतन हत्या करने के आरोप को प्राथमिकी में जोड़कर अनुसंधान किए जाने और सभी दोषी लोगों मुअतल करने की मांग
विजय शंकर नायक आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष विजय शंकर नायक ने बोकारो मे अपने हक और अधिकार के लिए संघर्षरत मूलवासी विस्थापित समाज के युवाओं की सीआईएसएफ द्वारा पीट पीट कर हत्या किए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उक्त बातें पत्रकारों से कही . इन्होंने यह भी कहा कि आज झारखंड मे हर जगह पर मूलवासी आदिवासी समाज के लोगो विस्था जब जब हक और अधिकार के लिए संघर्ष करते है तो उनकी बातो को शांतिपूर्ण ढंग से सुनी नही जाती बल्कि उनके आन्दोलनो को दमन कर कुचलने हेतु लाठी,गोली,जेल भेजा जाना आम बात सी हो गई है, जो रााज्य के आदिवासी मूलवासी समाज के लिए शुभ संकेत नही है .
इस बीच नायक ने प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन पर यह भी आरोप लगाते हुए कहा कि जब बड़ी घटना घटती है तब ही ये लोग निंद से जागते है . जब आन्दोलन चल रहा था तब वहां के डीसी कहां थी जब इतनी बड़ी घटना घट गई तो घटना की संपूर्ण जिम्मेदारी प्रबंधन की मानते हुए कुछ लोगो की गिरफ्तरी कराना सिर्फ मूलवासी विस्थापित समाज को धोखा देना भर है जिसे हम आईवास की संज्ञा देते है . इन्होंने साफ शब्दो मे कहा कि जब आंदोलनकारियों की मांग जायज थी तब प्रबंधन कहाँ सोई हुई थी जब एक युवा की पीट पीट कर हत्या कर दी गई कई लोग घायल हुए स्थिति बिगड़ी तब उन्हे होश आया और उनके मांगें पर विचार किया गया क्या शांतिपूर्ण तरीके से किये जा रहे आंदोलनो की सुनवाई नही कि जा सकती क्या अब वही आन्दोलन सफल होंगे जो रक्तरंजित रहेगें.
अब हमे यह पैटर्न बदलने होगें और आन्दोलनकारीयों की बातो को धैर्यपूर्वक सुनने का प्रथम प्रयास करने होगे तब ही बिना हिंसा हुए ही आन्दोलनकारी लोगों के समस्याओं का समाधान होगा और फिर किसी नौजवान की लाठी गोली से मौते नही होंगी . इसके साथ ही कहा कि मृतक के परिजनों को 20 लाख रु. मुआवजा नही बल्कि एक करोड़ रुपए भी मुआवजा देना होगा. वहीं एक सदस्य को नियोजन के साथ साथ उनके आश्रित परिवार के बच्चो को नि:शुल्क शिक्षा की व्यवस्था , प्रशिक्षण पूरा कर चुके अप्रेंटिस प्रशिक्षुओं को 21 दिन के अंदर नही बल्कि एक सप्ताह (7) दिनों के अंदर में पद सृजित कर तीन माह के अंदर नही बल्कि पन्द्रह (15) दिनो के अंदर सभी को नियुक्त करने का कार्य करे तथा , प्रशिक्षण प्राप्त करने को ले प्रबंधन द्वारा एक सप्ताह (7) दिनों के अंदर कोचिंग की व्यवस्था करे .
साथ ही साथ बीएसएल प्रबंधन घायलों को बीजीएच में मुफ्त उपचार एवं (रु.) 10,000/- मुआवजा नहीं बल्कि एक लाख रुपए देने की मांग किया है नही तो बोकारो प्रबंधन को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. इन्होने
जिले वासियों से अपील की है. सभी लोग शांति बनाएं रखें और अपने हक और अधिकार की लड़ाई को शाांति और सौहार्दपूर्ण माहौल आन्दोलन को तेज करें .