ढाका. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थाईलैंड दौरे पर थे, जहां उन्होंने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस से मुलाकात की. इस बैठक में पीएम मोदी ने बांग्लादेश में रहने वाले हिंदू समुदाय की सुरक्षा का मुद्दा प्रमुखता से उठाया. अब इस मुलाकात का सकारात्मक असर सामने आने लगा है.
रामनवमी, दुर्गा पूजा और महाअष्टमी जैसे प्रमुख हिंदू पर्वों के अवसर पर बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंध किए गए. सेना ने पूजा स्थलों, स्नान घाटों और अन्य धार्मिक स्थलों पर व्यापक सुरक्षा व्यवस्था लागू की, ताकि किसी भी प्रकार की बाधा के बिना श्रद्धालु धार्मिक अनुष्ठान संपन्न कर सकें.
धार्मिक आयोजनों में सेना की सक्रिय भूमिका
बसंती पूजा, महाअष्टमी और पुण्यस्नान जैसे धार्मिक अवसरों पर देशभर में लाखों श्रद्धालुओं ने भाग लिया. इस दौरान सेना ने चौबीसों घंटे निगरानी, गश्त और यातायात प्रबंधन की जिम्मेदारी निभाई. विशेष रूप से लांगलाबंध (नारायणगंज) में ब्रह्मपुत्र नदी किनारे हुए महाअष्टमी स्नान में भारत, श्रीलंका और नेपाल से भी श्रद्धालु पहुंचे.
चिलमारी उपजिला, कोमिला, चांदपुर और चटगांव जैसे क्षेत्रों में भी बड़ी संख्या में भक्त एकत्रित हुए. सेना ने हर पूजा मंडप पर सुरक्षा मजबूत की और शांति बनाए रखने के लिए लगातार निगरानी की. साथ ही, पूजा समितियों और पुजारियों से संवाद स्थापित कर विश्वास का वातावरण सुनिश्चित किया.
धार्मिक सौहार्द और एकता का प्रतीक बनी सेना
बांग्लादेश सेना की पेशेवरता, तत्परता और समर्पण ने हिंदू समुदाय के बीच विश्वास और आभार को और भी मजबूत किया है. सेना की भूमिका धार्मिक सौहार्द और राष्ट्रीय एकता की मिसाल बन गई है.
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