वाशिंगटन. अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों के खिलाफ देशव्यापी आक्रोश सड़कों पर दिखाई दे रहा है. महिला मार्च (2017) और ब्लैक लाइव्स मैटर (2020) के बाद यह सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन माना जा रहा है. शनिवार को अमेरिका के 50 राज्यों के 1200 से अधिक शहरों में हजारों लोगों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर ट्रंप और एलन मस्क की नीतियों का विरोध किया. प्रदर्शनकारियों ने ट्रंप और मस्क को अमेरिका के लिए खतरा बताया और कहा कि दोनों मिलकर देश को नष्ट करने में लगे हुए हैं.
150 से अधिक सामाजिक संगठनों, नागरिक अधिकार समूहों, श्रमिक संघों, रुत्रक्चञ्जक्त+ कार्यकर्ताओं और चुनाव कार्यकर्ताओं ने इन प्रदर्शनों में भाग लिया. मिडटाउन मैनहट्टन से लेकर अलास्का के एंकोरेज तक प्रदर्शनकारियों ने छंटनी, सामाजिक सुरक्षा में कटौती, आव्रजन नीति, ट्रांसजेंडर अधिकारों और स्वास्थ्य सेवाओं पर हो रहे हमलों के खिलाफ आवाज बुलंद की.
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि एलन मस्क के नेतृत्व में सरकारी दक्षता विभाग लोगों की नौकरियां छीन रहा है, जबकि ट्रंप प्रशासन सामाजिक सुरक्षा और मानवाधिकारों को कमजोर कर रहा है. एलए और पोर्टलैंड में प्रदर्शनकारियों ने पर्शिंग स्क्वायर से सिटी हॉल तक मार्च कर सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की.
विरोध के बीच व्हाइट हाउस ने बयान जारी कर कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप हमेशा पात्र नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा, मेडिकेयर और मेडिकेड देने के पक्षधर हैं. उन्होंने डेमोक्रेट्स पर हमला करते हुए कहा कि वे अवैध विदेशियों को ये लाभ देना चाहते हैं, जिससे ये योजनाएं दिवालिया हो सकती हैं.
वहीं, प्रदर्शन के बीच ट्रंप फ्लोरिडा के पाम बीच स्थित अपने आलीशान घर और गोल्फ कोर्स में व्यस्त दिखे. व्हाइट हाउस के अनुसार, शनिवार को उन्होंने गोल्फ खेला और रविवार को भी ऐसा ही कार्यक्रम तय है. एक प्रदर्शनकारी का कहना था, डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका को तोडऩे में लगे हैं, हम इसे चुपचाप नहीं सह सकते.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-