* प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी, बॉलीवुड एस्ट्रो एडवाइजर (व्हाट्सएप- 8875863494)
* हनुमान जयन्ती - 12 अप्रैल 2025, शनिवार
* पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ - 12 अप्रैल 2025 को 03:21 बजे
* पूर्णिमा तिथि समाप्त - 13 अप्रैल 2025 को 05:51 बजे
हनुमान जन्मोत्सव....
1. उत्तर भारतीय राज्यों में चैत्र पूर्णिमा को हनुमान जयन्ती उत्सव मनाया जाता है.
2. दक्षिण भारत के आन्ध्र प्रदेश, तेलंगाना आदि राज्यों में हनुमान जयन्ती उत्सव 41 दिनों तक चलता है, जो चैत्र पूर्णिमा से प्रारम्भ होता है और कृष्ण पक्ष की दशमी तक चलता है.
3. दक्षिण भारत के ही तमिलनाडु में हनुमथ जयन्ती उत्सव मार्गशीर्ष अमावस्या पर मनाया जाता है.
4. दक्षिण भारत के कर्नाटक में मार्गशीर्ष माह की शुक्ल पक्ष त्रयोदशी को हनुमान जयन्ती उत्सव- हनुमान व्रतम मनाया जाता है.
5. धर्मधारणा के अनुसार महावीर हनुमान का जन्म सूर्योदय के समय हुआ था, इसलिए हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर देवालयों में प्रातः ब्रह्ममुहूर्त में पूजा-प्रार्थना, भजन-कीर्तन और धर्म-प्रवचन का आयोजन होता है!
इस वर्ष मार्च 2025 में बड़ा बदलाव आया है, 29 मार्च 2025 को शनिदेव गोचरवश 30 वर्ष के बाद मीन राशि में आए हैं, इसलिए... जहां मकर राशिवालों को साढ़े साती से मुक्ति मिली, तो वृश्चिक और कर्क राशिवालों का ढइया समाप्त हुआ, वहीं मेष राशिवालों की साढ़े साती, जबकि सिंह और धनु राशिवालों का ढइया शुरू हुआ, कुंभ और मीन राशिवालों की साढ़े साती चल रही है, इसलिए इन पांच राशिवालों को सतर्क रहना होगा.
शनि की तीन स्थितियां है- कारक, अकारक और सम.
जीवन में शनि अकारक है तो सहकर्मियों का सहयोग नहीं मिलता है, घर क्षतिग्रस्त हो जाता है, शुभ कार्य धीमी गति से होते हैं, शरीर के विविध अंगों के बाल झड़ने लगते हैं आदि.
अकारक शनि होने पर शनि से संबंधित वस्तुओं... लोहा, काली उड़द, कोयला, तिल, जौ, काले वस्त्र, चमड़ा, काला सरसों आदि का यथाशक्ति दान करना चाहिए.
शनिदेव, राम भक्त हनुमान के भक्तों को कभी परेशान नहीं करते हैं इसलिए शनि द्वारा प्रदत्त परेशानियों से राहत के लिए नियमित रूप से महावीर हनुमान की पूजा-अर्चना करें!
* श्रीहनुमान चालीसा गोस्वामी तुलसीदास ने अवधी भाषा में लिखी, जिसमें 40 छन्द हैं, नियमितरूप से श्रीहनुमान चालीसा का पाठ करें....
.. श्रीहनुमान चालीसा ..
॥ दोहा ॥
श्री गुरु चरन सरोज रज,निज मनु मुकुर सुधारि.
बरनउं रघुबर विमल जसु,जो दायकु फल चारि॥
भावार्थ- श्री गुरु महाराज के चरण कमलों की धूलि से अपने मन रुपी दर्पण को पवित्र करके श्री रघुवीर के निर्मल यश का वर्णन करता हूँ, जो चारों फल धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को देने वाले हैं.
बुद्धिहीन तनु जानिकै,सुमिरौं पवन-कुमार.
बल बुद्धि विद्या देहु मोहिं,हरहु कलेश विकार॥
भावार्थ- हे पवन कुमार! मैं आपका सुमिरन करता हूँ. आप तो जानते ही हैं, कि मेरा शरीर और बुद्धि निर्बल है. मुझे शारीरिक बल, सद्बुद्धि एवं ज्ञान दीजिए और मेरे दुःखों व दोषों का नाश कर दीजिए.
॥ चौपाई ॥
जय हनुमान ज्ञान गुण सागर.जय कपीस तिहुँ लोक उजागर॥
भावार्थ- श्री हनुमान जी! आपकी जय हो. आपका ज्ञान और गुण अथाह है. हे कपीश्वर! आपकी जय हो! तीनों लोकों, स्वर्ग लोक, भूलोक और पाताल लोक में आपकी कीर्ति हैं.
राम दूत अतुलित बल धामा.अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा॥
भावार्थ- हे पवनसुत अञ्जनी नन्दन! आपके समान दूसरा बलवान नहीं है.
महावीर विक्रम बजरंगी.कुमति निवार सुमति के संगी॥
भावार्थ- हे महावीर बजरंग बली! आप विशेष पराक्रम वाले हैं. आप खराब बुद्धि को दूर करते हैं, और अच्छी बुद्धि वालो के साथी और सहायक है.
कंचन बरन बिराज सुवेसा.कानन कुण्डल कुंचित केसा॥
भावार्थ- आप सुनहले रंग, सुन्दर वस्त्रों, कानों में कुण्डल और घुंघराले बालों से सुशोभित हैं.
हाथ वज्र औ ध्वजा बिराजै.काँधे मूँज जनेऊ साजै॥
भावार्थ- आपके हाथ मे बज्र और ध्वजा हैं और कन्धे पर मूंज के जनेऊ की शोभा है.
शंकर सुवन केसरीनन्दन.तेज प्रताप महा जग वन्दन॥
भावार्थ- हे शंकर के अवतार! हे केसरी नन्दन! आपके पराक्रम और महान यश की संसार भर मे वन्दना होती है.
विद्यावान गुणी अति चातुर.राम काज करिबे को आतुर॥
भावार्थ- आप प्रकाण्ड विद्या निधान है, गुणवान और अत्यन्त कार्य कुशल होकर श्री राम काज करने के लिए आतुर रहते है.
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया.राम लखन सीता मन बसिया॥
भावार्थ- आप श्री राम चरित सुनने मे आनन्द रस लेते हैं. श्री राम, सीता और लखन आपके हृदय मे बसे रहते हैं.
सूक्ष्म रुप धरि सियहिं दिखावा.विकट रुप धरि लंक जरावा॥
भावार्थ- आपने अपना बहुत छोटा रुप धारण करके सीता जी को दिखलाया और भयंकर रूप करके लंका को जलाया.
भीम रुप धरि असुर संहारे.रामचन्द्र के काज संवारे॥
भावार्थ- आपने विकराल रुप धारण करके राक्षसों को मारा और श्री रामचन्द्र जी के उदेश्यों को सफल कराया.
लाय सजीवन लखन जियाये.श्रीरघुवीर हरषि उर लाये॥
भावार्थ- आपने सञ्जीवनी बुटी लाकर लक्ष्मणजी के प्राण बचाए जिससे श्री रघुवीर ने हर्षित होकर आपको हृदय से लगा लिया.
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई.तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई॥
भावार्थ- श्री रामचन्द्र ने आपकी बहुत प्रशंसा की और कहा की तुम मेरे भरत जैसे प्यारे भाई हो.
सहस बदन तुम्हरो यश गावैं.अस कहि श्री पति कंठ लगावैं॥
भावार्थ- श्री राम ने आपको यह कहकर हृदय से लगा लिया की तुम्हारा यश हजार मुख से सराहनीय हैं.
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा.नारद सारद सहित अहीसा॥
भावार्थ- श्री सनक, श्री सनातन, श्री सनन्दन, श्री सनत्कुमार आदि मुनि ब्रह्मा आदि देवता नारद जी, सरस्वती जी, शेषनाग जी सब आपका गुणगान करते हैं.
श्री त्रिपुरा सुंदरी दैनिक धर्म-कर्म पंचांग : 12 अप्रैल 2025
शक सम्वत1947, विक्रम सम्वत 2082, अमान्त महीना चैत्र, पूर्णिमान्त महीना चैत्र, वार शनिवार, पक्ष शुक्ल, तिथि पूर्णिमा - 05:51, (13 अप्रैल 2025) तक, नक्षत्र हस्त - 18:08 तक, योग व्याघात - 20:41 तक, करण विष्टि - 16:35 तक, द्वितीय करण बव - 05:51, (13 अप्रैल 2025), सूर्य राशि मीन, चन्द्र राशि कन्या, राहुकाल 09:24 से 10:58, अभिजित मुहूर्त 12:08 से 12:58
दैनिक चौघडिय़ा- 12 अप्रैल 2025, शनिवार
दिन का चौघड़िया
काल - 06:14 से 07:49
शुभ - 07:49 से 09:24
रोग - 09:24 से 10:58
उद्वेग - 10:58 से 12:33
चर - 12:33 से 14:08
लाभ - 14:08 से 15:43
अमृत - 15:43 से 17:17
काल - 17:17 से 18:52
रात्रि का चौघड़िया
लाभ - 18:52 से 20:17
उद्वेग - 20:17 से 21:42
शुभ - 21:42 से 23:08
अमृत - 23:08 से 00:33
चर - 00:33 से 01:58
रोग - 01:58 से 03:23
काल - 03:23 से 04:48
लाभ - 04:48 से 06:13
* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है.
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय समय, परंपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं, क्योंकि यहां दिया जा रहा समय अलग-अलग शहरों में स्थानीय समय के सापेक्ष थोड़ा अलग हो सकता है.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!
आज का राशिफल -
मेष राशि:- आज किसी भी प्रकार के संकट में न पड़ने की सलाह देते हैं. आज भाग्य साथ नहीं देगा. किसी भी कार्य में सफलता शीघ्र नहीं मिलेगी लेकिन मध्याह्न के बाद परिस्थितियों में सुधार होगा. गृहस्थजीवन में वातावरण आनंदपूर्ण रहेगा. अधिकार वर्ग आपसे प्रसन्न रहेंगे. पदोन्नति के योग बन रहे हैं. योजनानुसार आर्थिक लाभ होगा.
वृष राशि:- आज अधिक भावुकता के कारण आप अस्वस्थ हो सकते हैं. आज कोई नया कार्यप्रारंभ न करें. वाणी और भाषा पर संयम रखें. खान-पान में लापरवाही न करें. व्यावसायिक क्षेत्र में विध्न पड़ सकता है. प्रतिस्पर्धीयों से वाद-विवाद या उग्र चर्चा न हो इसका ख्याल रखें. कार्य में सफलता प्राप्त होने में विलंब हो सकता है.
मिथुन राशि:- आज खुद को आमोद-प्रमोद में भुला दिजिए. मनोरंजन में खो जाइये. अच्छे खान-पान और अच्छे वस्त्र उपलब्ध होंगे. मध्याह्न के बाद आप कुछ अधिक ही भावुक हो सकते हैं. इससे मन की व्यथा में भी वृद्धि हो सकती है. अनैतिक तथा निषेधात्मक कार्यों से दूर रहिए.
कर्क राशि:- आज व्यवसायिक स्थल पर वातावरण अनुकूल रहेगा. ससुराल एवं मायके से अच्छे समाचार मिल सकते हैं. पारिवारिक वातावरण अनुकूल रहेगा. शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहेंगे. बौद्धिक चर्चा में अपने तार्किक विचारों को रखने करने के लिए समय अनुकूल है.
सिंह राशि:- आज का दिन प्रणय-प्रसंग के लिए अनुकूल है. क्रोध पर नियंत्रण रखें. पेट सम्बंधित रोग हो सकते हैं. लेकिन मध्याह्न के बाद परिवार के साथ आनंद और उल्लासमय समय बितेगा. मानसिक रूप से प्रसन्न और स्फूर्ति का अनुभव करेंगे. व्यवसाय से लाभ होने का योग बन रहा है.
कन्या राशि:- आज आप में शारीरिक स्फूर्ति और चेतनाशक्ति का अभाव रहेगा. सामाजिक रूप से अपमान न हो इसका ध्यान रखें. धनहानि हो सकती है. क्रोध पर संयम रखें. कार्य में सफलता न मिलने के कारण निराशा हो सकती है. प्रवास को संभवतः टाल दें.
तुला राशि:- आज का दिन नए कार्य का शुरु करने के लिए अच्छा है. प्रिय व्यक्ति से भेंट होगी तथा भाग्यवृद्धि होगी. सामाजिक रूप से मान-सम्मान बढ़ेगा. शारीरिक रूप से अस्वस्थता का अनुभव हो सकता है. स्थाई संपत्ति से सम्बंधित पत्रों के विषय में सावधानी बरतें. माता का स्वास्थ्य खराब हो सकता है.
वृश्चिक राशि:- आज निर्धारित कार्य संपन्न न होने से निराश हो सकते हैं. किसी भी महत्वपूर्ण कार्य अथवा उसके विषय में निर्णय न ले. पारिवारिक वातावरण में क्लेश बढ़ेगा. लेकिन, मध्याह्न के बाद परिवारजनों तथा भाई-बहनों के साथ समय आनंदपूर्वक बितेगा. शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहेंगे.
धनु राशि:- आज का दिन आपके लिए शुभ फलदायी है. शारीरिक और मानसिक रूप से आप उत्साही तथा प्रफुल्लित होंगे. कहीं यात्रा करने जा सकते हैं. मध्याह्न के बाद आप कुछ दुविधा में पड़ सकते हैं. घर में तथा व्यवसायिक स्थल पर कार्यभार बढ़ेगा. अधिक खर्च हो सकता है.
मकर राशि:- आज वाणी और भाषा कि वजह से भ्रम न हो जाए इसका ख्याल रखें. क्रोध की मात्रा बढ़ने से किसी के साथ उग्र चर्चा या विवाद न हो सकता है. मन में व्यग्रता रहेगी इसलिए आध्यात्मिकता का आश्रय ले. मध्याह्न के बाद स्फूर्ति और उल्लास का अनुभव होगा. पारिवारिक वातावरण आनंदप्रद और शांत रहेगा.
कुम्भ राशि:- आज का दिन लाभप्रद है. सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय रहेंगे और मान- सम्मान में वृद्धि होगी. मध्याह्न के बाद घर का वातावरण तनावपूर्ण रह सकता है. शारीरिक स्वास्थ्य बिगड़ सकता है, इसलिए आवेशपूर्ण मन पर संयम रखें. धन का अधिक खर्च न हो इसका ख्याल रखें.
मीन राशि:- आज का दिन सब प्रकार से आपके लिए लाभदायी है. आप कोई परोपकार का कार्य करेंगे. व्यापार में उचित आयोजन के द्वारा व्यापार-वृद्धि होगी. व्यापार से सम्बंधित प्रवास का योग बन रहा है. पिता और बड़ों से आशीर्वाद व लाभ मिलेगा. आय में वृद्धि होग .
* आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ) वाट्सएप नम्बर 7879372913
* यहां राशिफल चन्द्र के गोचर पर आधारित है, व्यक्तिगत जन्म के ग्रह और अन्य ग्रहों के गोचर के कारण शुभाशुभ परिणामों में कमी-वृद्धि संभव है, इसलिए अच्छे समय का सद्उपयोग करें और खराब समय में सतर्क रहें.