लखनऊ .पूर्वोत्तर रेलवे के पैंतीपुर स्टेशन के पास से चोरी हुए स्लीपरों से कानपुर में फूड कारपोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआई) गोदाम के लिए नया रेलवे ट्रैक बिछाया जाना था. आरपीएफ की क्राइम ब्रांच ने मामले में छापा मारकर कार्रवाई की है. चार अभियुक्तों को गिरफ्तार कर टीम ने 255 स्लीपर बरामद किए गए हैं, जिनकी कीमत 8.16 लाख रुपये है. आरोपियों की पहचान एटा के पिलुआ निवासी अरविंद कुमार, सीतापुर के लहरपुर निवासी दीपक कुमार दीक्षित, सीतापुर के खैराबाद निवासी पुरुषोत्तम और पीलीभीत के पूरनपुर निवासी अर्जुन सिंह के रूप में हुई.
मामला पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल का है. आरपीएफ कमांडेंट चंद्रमोहन मिश्र ने बताया कि दस अप्रैल को मंडल के पैंतीपुर स्टेशन के पास से रेलवे के 255 स्लीपर चोरी हुए थे. मामले में आरपीएफ, बाराबंकी के बुढ़वल में चोरी का केस दर्ज कराया गया था. अरविंद कुमार सहित अन्य के खिलाफ यह मामला दर्ज हुआ था. मामले की जांच पोस्ट कमांडर, रेलवे सुरक्षा बल बुढ़वल अजमेर सिंह यादव को मिली थी. उन्होंने 11 अप्रैल को लखनऊ जंक्शन की आरपीएफ क्राइम ब्रांच टीम के साथ कार्रवाई की. टीम ने चंदारी, कानपुर स्थित फूड कारपोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआई) से चोरी के स्लीपर बरामद किए.
फर्जी चालान के जरिये कानपुर भेजे गए स्लीपर
आरपीएफ क्राइम ब्रांच ने बताया कि दो ट्रकों में लदे स्लीपर बरामद किए गए. एक ट्रक (यूपी 82 एटी 3157) में 105 और दूसरे ट्रक (यूपी 25 डीटी 1320) में 150 रेलवे स्लीपर जब्त किए गए. पूछताछ में पकड़े गए आरोपियों ने बताया कि चोरी किए गए स्लीपरों को फर्जी चालान के जरिये देवी मां शक्ति कंस्ट्रक्शन कंपनी को आपूर्ति के लिए एफसीआई गोदाम, चंदारी भेजा गया था. फर्जी चालान पाटिल रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड, बुढ़वल के नाम से तैयार किया गया था.
एफसीआई गोदाम के ट्रैक में होने थे इस्तेमाल
आरपीएफ से जुड़े सूत्रों ने बताया कि पैतीपुर स्टेशन के पास से जिन स्लीपरों को चोरी किया गया, उनका इस्तेमाल एफसीआई गोदाम के लिए नया ट्रैक बिछाने में होना था. इससे नया ट्रैक बनता, ताकि एफसीआई गोदाम तक लदान व उतरान हो सके. सूत्र बताते हैं कि 500 मीटर प्राइवेट लाइन बिछानी थी, जिसमें 2500 स्लीपरों का इस्तेमाल होना था.