अनिल मिश्र/ पटना
भारतरत्न, महान शिक्षाविद, दार्शनिक, कुलपति से राष्ट्रपति तक के पद को सुशोभित करने वाले सर्वपल्ली राधाकृष्णन की 50 वीं पुण्यतिथि गया के स्थानीय चौक स्थित इंदिरा गांधी प्रतिमा स्थल प्रांगण में मनाई गई.
सर्वप्रथम सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र पर माल्यार्पण के पाश्चात्य उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला गया. इस अवसर पर उपस्थित बिहार प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिट्ठू, पूर्व विधायक मोहम्मद खान अली, जिला कॉंग्रेस उपाध्यक्ष बाबूलाल प्रसाद सिंह, राम प्रमोद सिंह, दामोदर गोस्वामी, प्रद्युम्न दुबे, विपिन बिहारी सिन्हा, राजीव कुमार सिंह उर्फ लबी सिंह, टिंकू गिरी ,युवा कॉंग्रेस अध्यक्ष विशाल कुमार ,मो शमीम आलम, मुन्ना मांझी, मोहम्मद समद, साधु शरण सिंह, अशोक राम, रूपेश चौधरी आदि ने कहा कि भारत गणतंत्र के 1962 से 1967 तक राष्ट्रपति, 1952 से 1962 तक उपराष्ट्रपति तथा 1949 से 1952 तक सोवियत संघ के राजदूत, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय एवं आंध्र विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में देश, विदेश मे शिक्षा जगत के प्रकाश स्तंभ की तरह प्रकाशित होते रहे थे.
इन सभी नेताओं ने कहा कि सर्वपल्ली राधाकृष्णन देश विदेश के सर्वोच्च पुरुस्कारों से सम्मानित हुए जैसे 1931 में नाइटहुड, 1954 में भारतरत्न, 1963 में ब्रिटिश रॉयल ऑर्डर ऑफ मेरिट आदि.
इन नेताओं ने कहा कि आज संपूर्ण देश में शैक्षणिक संस्थानों का पूर्णतः व्यवसायीकरण हो गया है, ट्यूशन फीस के साथ-साथ स्कूल ड्रेस और किताब- कॉपी तक दुगने, चौगुने दामों में जोर- ज़बरदस्ती कर स्कूल के बच्चों से खरीदने को मजबूर करते हैं.
नेताओं ने केन्द्र एवं राज्य सरकार से शिक्षा के व्यवसायीकरण पर अंकुश लगाने, ट्यूशन फीस निर्धारित करने, ड्रेस, कॉपी-किताब स्कूल के बाहर से खरीदने सहित अभी चीजों पर रोक लगाने की मांग किया है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-