नई दिल्ली. बाबा रामदेव की शरबत जिहाद टिप्पणी पर दिल्ली हाईकोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि इस टिप्पणी ने अदालत की अंतरात्मा को झकझोर दिया है और यह अक्षम्य है. कोर्ट ने रामदेव के खिलाफ हमदर्द के मुकदमे की सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की है.
अदालत ने रामदेव का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील से निर्देश प्राप्त कर अगली सुनवाई में मौजूद रहने का आदेश दिया है. योग गुरु बाबा रामदेव ने तीन अप्रैल को अपने शरबत ब्रांड का प्रचार करते हुए हमदर्द कंपनी के शरबत पर विवादित टिप्पणी की थी.
हमदर्द नेशनल फाउंडेशन इंडिया ने पतंजलि फूड्स लिमिटेड के खिलाफ रामदेव के बयान को लेकर याचिका दाखिल की थी. पतंजलि और रामदेव के खिलाफ हमदर्द की तरफ से दायर एक मुकदमे में प्रारंभिक सुनवाई के बाद जस्टिस अमित बंसल ने कड़े आदेश की चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि वीडियो को देखकर आंख, कान पर यकीन नहीं होता.
हाई कोर्ट ने कहा कि शरबत जिहाद पर कथित टिप्पणी अनुचित है. कोर्ट ने इस मामले में 5 दिन के भीतर हलफनामा दाखिल करने को कहा है. इसमें कहा गया है कि कंपनी यह कहे कि वह भविष्य में ऐसा कोई विज्ञापन नहीं देगी. मामले की अगली सुनवाई 1 मई को होगी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-