मुंबई. पुणे स्थित सरकारी बीजे मेडिकल कॉलेज में रैगिंग का चौंकाने वाला मामला सामने आया है. कॉलेज प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तीन पोस्टग्रेजुएट (पीजी) छात्रों को निलंबित कर हॉस्टल से बाहर कर दिया है. यह कार्रवाई एमएस कर रहे जूनियर डॉक्टरों की शिकायत के बाद की गई है. बताया जा रहा है कि एक पीडि़त छात्र पुणे के एक प्रसिद्ध शैक्षणिक संस्थान के संस्थापक का पोता है.
ससून जनरल अस्पताल से एफिलिएटेड बीजे मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. एकनाथ पवार के अनुसार, ऑर्थोपैडिक विभाग के दूसरे वर्ष के तीन पोस्टग्रेजुएट छात्रों के खिलाफ शिकायत दर्ज होने के बाद कॉलेज प्रशासन ने अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की है.
कॉलेज के डीन डॉ. एकनाथ पवार ने बुधवार को बताया कि ऑर्थोपेडिक विभाग के दूसरे वर्ष के तीन पीजी छात्रों पर आरोप है कि उन्होंने अपने ही विभाग के प्रथम वर्ष के चार जूनियर छात्रों के साथ मानसिक उत्पीडऩ, शारीरिक प्रताडऩा और धमकी भरी भाषा का इस्तेमाल किया.
डॉ. पवार ने बताया, छात्रों के अभिभावकों ने सबसे पहले मुंबई के मंत्रालय में इस मामले की शिकायत की थी. सोमवार को कॉलेज प्रशासन को यह शिकायत मिली, जिसके बाद एक जांच समिति गठित की गई. जांच के आधार पर तीनों पीजी छात्रों को निलंबित कर हॉस्टल से बाहर कर दिया गया है. फिलहाल इस मामले की विस्तृत जांच जारी है.
अस्पताल प्रशासन पर भी आरोप
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पहले वर्ष में पढऩे वाले छात्र को उसके विभाग के दो सीनियर्स कभी सिर पर ठंडा पानी तो कभी गर्म पानी डालने के लिए मजबूर करते थे. आरोप है कि पीडि़त छात्र ने पहले यह बात ऑर्थोपेडिक विभाग के प्रमुख को बताई, लेकिन छात्र का आरोप है कि उन्होंने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया. इसके बाद यह शिकायत ससून अस्पताल के डीन डॉक्टर एकनाथ पवार को भी की गई थी. लेकिन जब उचित कार्रवाई नहीं की गई तो छात्र के परिजनों ने इस मामले की शिकायत मुंबई में चिकित्सा शिक्षा विभाग के पास दर्ज कराई.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-