इस्लामाबाद. आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में महंगाई ने आम जनता की कमर तोड़ दी है. दूध की कीमत 230 रुपये प्रति लीटर और मटन 2000 रुपये प्रति किलो तक पहुंच चुकी है. रोजमर्रा की 15 जरूरी वस्तुओं के दाम आसमान छू रहे हैं, जिससे पाकिस्तानी जनता के लिए दो वक्त की रोटी जुटाना भी मुश्किल हो गया है.
खाद्य पदार्थों की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि
पाकिस्तान में खाने-पीने की चीजों के दाम अनियंत्रित हो चुके हैं. ग्रॉसरी वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, पाकिस्तान में आलू 120 रुपये, प्याज 105 रुपये, टमाटर 120 रुपये, एक अंडा 40 रुपये और मटन 2000 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. चिकन की कीमत 700 से 1100 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है, जबकि दूध की कीमत 230 रुपये प्रति लीटर हो चुकी है. चावल 200 से 450 रुपये प्रति किलो और सेब 150 से 400 रुपये प्रति किलो बिक रहे हैं. सरसों का तेल 532 रुपये प्रति लीटर और गेहूं का आटा 1736.5 रुपये प्रति 20 किलो के बैग में उपलब्ध है.
आर्थिक संकट और मुद्रास्फीति का कहर
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था गहरे संकट में है. विदेशी मुद्रा भंडार 2022 में 23.9 बिलियन डॉलर से घटकर 11.4 बिलियन डॉलर रह गया है. मुद्रास्फीति दर 2023 में 38 प्रतिशत तक पहुंच गई थी, जो अब 17.3 प्रतिशत पर है. यह स्थिति खाद्य मुद्रास्फीति के कारण और गंभीर हो रही है, जो दिसंबर 2022 में 32.7 प्रतिशत थी. सरकार की कोशिशें नाकाम साबित हो रही हैं और आईएमएफ की शर्तों के तहत बिजली सब्सिडी हटाने से स्थिति और बिगड़ रही है.
जनता की बदहाली
पाकिस्तान में महंगाई ने गरीबी रेखा के नीचे रहने वालों की संख्या में 40 लाख की वृद्धि की है. लोग राशन की दुकानों पर लड़ते दिख रहे हैं, जबकि अमीर वर्ग 650 रुपये की कॉफी के लिए लाइन में खड़ा है. यह दोहरा चेहरा पाकिस्तान की आर्थिक असमानता को उजागर करता है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-