नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात कर पाकिस्तान व पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी ठिकानों पर भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा किए गए सटीक हमलों के बारे में जानकारी दी. इन सैन्य हवाई हमलों में 9 स्थानों को निशाना बनाया गया. जिनमें पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) व जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के मुख्यालय व प्रशिक्षण केंद्र शामिल हैं. जहां से भारत के खिलाफ आतंकवादी हमलों की योजना बनाई गई थी और उन्हें अंजाम दिया गया था.
ऑपरेशन सिंदूर के नाम से जाना जाने वाला यह ऑपरेशन सुबह तड़के किया गया. यह हमला दुखद पहलगाम आतंकवादी हमले के दो सप्ताह बाद किया गया. जिसमें एक नेपाली नागरिक सहित 26 नागरिकों की जान चली गई थी. सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान व भारत के बीच बढ़ते तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन देशों की अपनी आगामी यात्रा स्थगित कर दी है.
उनकी यात्रा क्रोएशिया, नॉर्वे व नीदरलैंड के लिए निर्धारित थी. जिसमें 13 से 17 मई तक नॉर्वे में नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में भाग लेना भी शामिल था. पहलगाम हमले के जवाब में भारत के मिसाइल हमले के कुछ घंटे बाद विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान में आतंकी ढांचे को नष्ट करने व भविष्य में ऐसे किसी हमले को रोकने के लिए नपी-तुली, टकराव को नहीं बढ़ाने वाली संतुलित व जिम्मेदाराना कार्रवाई की.
मिसरी ने यहां प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमलों को अंजाम देने वाले आतंकियों और इसकी साजिश रचने वालों को न्याय के दायरे में लाना जरूरी माना जा रहा था. उन्होंने कहा कि हमले के बाद एक पखवाड़ा गुजरने पर भी पाकिस्तान की सरजमीं पर व उसके नियंत्रण वाले क्षेत्र में आतंकी ढांचे के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए उसकी ओर से कोई कदम उठता नहीं दिखा.
इसके बजाय वह आरोप लगाने व सचाई को नकारने में लगा रहा. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान दुनिया में आतंकवादियों की सुरक्षित पनाहगाह के रूप में कुख्यात हो गया है. मिसरी ने कहा कि पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को लेकर हमारी खुफिया निगरानी ने संकेत दिया कि भारत के खिलाफ और हमलों की आशंका है. इसलिए इन्हें रोकने और धता बताने की अनिवार्यता थी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-