सीमा पर असलहा, सैन्य बल पहुंचाने रेलवे एलर्ट, जरूरत पडऩे पर झट से स्टेशनों से रवाना होंगी स्पेशल ट्रेनें

सीमा पर असलहा, सैन्य बल पहुंचाने रेलवे एलर्ट, जरूरत पडऩे पर झट से स्टेशनों से रवाना होंगी स्पेशल ट्रेनें

प्रेषित समय :13:26:11 PM / Thu, May 8th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

जबलपुर. पहलगाम हादसे के बाद भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर पाकिस्तान में जिस तरह 100 से ज्यादा आतंकियों को ढेर किया है, उसके बाद पाकिस्तान में बौखलाहट है। जिसे देखते हुए भारतीय सेना के साथ-साथ इंडियन रेलवे पूरी तरह मुस्तैह है. रेलवे बोर्ड ने सभी रेल जोनों को अपनी तैयारी पुख्ता करने को कहा है, ताकि जरूरत पडऩे पर सीमा पर असलहा व सैन्य बलों को त्वरित गति से जबलपुर सहित देश की तमाम छावनियों से रवाना किया जा सके.

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाक बौखला गया है, इसी बीच उसने फिर से भारत को गीदड़ भभकी दे दी है. लेकिन भारत इसे गंभीरता से ले रहा है और तैयारी पूरी कर ली है. सेना को बॉर्डर तक पहुंचाने के लिए भारतीय रेलवे पूरी तरह मुस्तैद है. कारगिल युद्ध के दौरान भी रेलवे ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. हालांकि ट्रेनों की संख्या स्पष्ट नहीं है, लेकिन कारगिल युद्ध के दौरान 500 के करीब ट्रेनें चलाई गयी थीं.

रेल मंत्रालय के अनुसार अगर जरूरत पड़ी भारतीय रेलवे देश के प्रमुख स्थानों से कश्मीर घाटी तक स्पेशल ट्रेन चलाने के लिए तैयार है. जिस तरह के निर्देश दिए जाएंगे, उसी तरह ट्रेनें उपलब्ध कराई जाएंगी. अब ट्रेन श्रीनगर तक जा सकती है. इस वजह से सेना के जवान जल्दी बॉर्डर तक पहुंच सकेंगे.

 रेलवे की कारगिल वार में रही खास भूमिका

रेल सूत्रों के अनुसार कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय रेलवे ने खास भूमिका निभाई थी. जवानों को बॉर्डर तक पहुंचाने के लिए स्पेशल ट्रेनें चलाईं थी. बताया जाता है कि करीब छह सप्ताह में भारत ने करीब सात लाख से सैनिकों को कश्मीर क्षेत्र में पहुंचाया था. इसमें पांच इन्फेंट्री डिवीजन, पांच स्वतंत्र ब्रिगेड और 44 बटालियन पैरामिलिट्री सैनिक शामिल थे. इतने बड़े पैमाने पर सैनिकों को ले जाने के लिए हर दिन कई ट्रेनें चलाई गईं. इस तरह सात लाख से अधिक जवानों को ले जाने में 500 के करीब ट्रेनों की जरूरत पड़ी होगी, क्योंकि सामान्य तौर पर एक ट्रेन में 1500 के करीब यात्री सफर करते हैं.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-