नई दिल्ली. भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव अब लगभग शांत हो गया. कल सीजफायर की घोषणा के बाद भी पाकिस्तान की ओर से इसका उल्लंघन किया गया. लेकिन तब तक पाकिस्तान को भारत गहरा जख्म दे चुका था. भारत ने जो जख्म पाकिस्तान को दिया है, उसके सबूत अब सामने आने लगे हैं. भारत के एक निजी स्पेस टेक फर्म कावा स्पेस द्वारा जारी ताजा सैटेलाइट इमेज ने पाकिस्तान के झूठ और बड़बोलों की पोल खोल दी है. यह ताजा सैटेलाइट इमेज भोलारी एयरबेस (कराची के पास) का है.
भोलारी एयरबेस पर 10-11 मई को हुए हमले में एक प्रमुख हैंगर को भारी नुकसान हुआ है. सैटेलाइट इमेज में छत उड़ी हुई है. आसपास मलबा साफ दिख रहा है और स्ट्रक्चरल डैमेज की पुष्टि हुई है. यह वही एयरबेस है जहां से पाकिस्तान की त्वरित प्रतिक्रिया यूनिट संचालित होती थी.
पाकिस्तान बौखलाया, सेना की रीढ़ पर भारत का वार
इस इमेज ने पाकिस्तान को अंदर तक हिला दिया है. भोलारी जैसे रणनीतिक ठिकानों पर हमले ने साफ कर दिया है कि भारत अब सिर्फ जवाब नहीं देता, सीधा वार करता है वो भी दुश्मन की सैन्य रीढ़ पर. रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया था कि ऑपरेशन सिंदूर कोई आकस्मिक हमला नहीं था. यह पूरी तरह योजनाबद्ध, टारगेटेड और सैन्य बुनियादी ढांचे को नेस्तनाबूद करने वाला अभियान था. इसमें पाकिस्तान की सैन्य उड़ान क्षमता, सर्विलांस सिस्टम और कमांड सेंटर पर विशेष फोकस था.
पाक की इन नसों पर प्रहार
- रफीकी एयरबेस (शोरकोट, झंग)- - पाकिस्तान के पुराने वायु अड्डों में से एक, यहां का रनवे और हैंगर तबाह कर वायुसेना की उड़ान क्षमताओं को सीधा झटका.
मुरिद एयरबेस (चक्कवाल) जहां से हालिया हमलों में यूसीएवी और यूएवी भेजे गए थे अब मलबा बन चुका है.
नूर खान एयरबेस (रावलपिंडी)- राजधानी के पास मौजूद रणनीतिक अड्डे को भी भारत ने चुपचाप तबाह कर दिया.
रहीम यार खान एयरबेस- साउथ पंजाब का अहम बेस, अब नो फ्लाई जोन घोषित पाकिस्तान ने खुद एनओटीएम जारी किया.
सुक्कुर एयरबेस (सिंध- कराची और हैदराबाद के बीच में मौजूद यह बेस अब काम नहीं आ रहा.
चुन्नियां एयरबेस (लाहौर के पास)- थल सेना की गतिविधियों वाला क्षेत्र अब मलबे में बदल चुका.
सियालकोट एविएशन बेस और पासरूर रडार स्टेशन- यहां भारतीय हमले ने पाकिस्तानी सेना की आंख और कान फोड़ दिए हैं.
पाक की चुप्पी इस बात का सबूत कि वार कितना सटीक था
ना कोई जवाब ना कोई फुटेज, पाकिस्तान की चुप्पी ही इस ऑपरेशन की सफलता का सबसे बड़ा सबूत है. भारत ने दिखा दिया कि जब बात राष्ट्रीय सुरक्षा की हो तो जवाब नहीं, प्रतिशोध होता है वो भी रावलपिंडी के दरवाजे तक. इस ऑपरेशन से भारत ने बता दिया कि वह आतंक के समर्थकों को उनके घर में घुसकर मारेगा सबूत सैटेलाइट पर भी दिखेगा.