JABALPUR: पेंटर दोस्त की मार्कशीट का उपयोग कर MBBS किया, आरक्षण का लाभ पाने जनरल कैटेगरी छोड़ ST नाम रखा, महिला की मौत से खुला राज

JABALPUR: पेंटर दोस्त की मार्कशीट का उपयोग कर MBBS किया, आरक्षण का लाभ पाने जनरल कैटेगरी छोड़ ST नाम रखा, महिला की मौत से खुला राज

प्रेषित समय :15:29:35 PM / Sat, May 24th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

पलपल संवाददाता, जबलपुर. एमपी के जबलपुर में एक युवक ने अपने दोस्त की 10वीं और 12वीं की अंकसूची का उपयोग कर एमबीबीएस की डिग्री हासिल कर ली. इसके बाद शहर के एक बड़े अस्पताल में नौकरी करने लगा. युवक के असली दस्तावेज सामने आने पर पता चला कि जिसके नाम का उपयोग कर युवक ने डिग्री हासिल की है, वह तो पेंटर है. इस मामले में ओमती थाना पुलिस ने डाक्टर ब्रजराज उर्फ सत्येंद्र कुमार के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है. पुलिस को जांच में पता चला कि आरक्षण का फायदा उठाते हुए एमबीबीएस की डिग्री हासिल करने के लिए डॉक्टर बृजराज उर्फ सत्येंद्र ने अपने पेंटर दोस्त की मार्कशीट पर फोटो लगाकर फर्जीवाड़ा किया. वास्तव में डॉक्टर बृजराज का असली नाम सत्येंद्र कुमार है. पुलिस अब उसकी तलाश में जुटी है.

बताया गया है कि रेलवे की आफिसर्स कालोनी में रहने वाले मनोज कुमार महावर की मां शांति देवी क ो तबियत खराब होने के कारण भंवरताल स्थित मार्बल सिटी अस्पताल में भरती कराया गया. जहां पर शांतिदेवी की इलाज के दौरान मौत हो गई थी. जब शांति देवी की मौत हुई है, उस रात डॉक्टर बृजराज की आईसीयू में ड्यूटी थी. इस दौरान मनोज की मां की तबीयत बिगड़ी.  बृजराज ने तत्काल मरीज को वेंटिलेटर पर रखने की अनुमति मांगी, लेकिन मनोज ने इनकार कर दिया. थोड़ी देर बाद शांति देवी की मौत हो गई. मनोज को डॉक्टर बृजराज की कार्यप्रणाली और डिग्री पर शक हुआ. इसके बाद मनोज महावर ने डाक्टर के बारे में जानकारी एकत्र करना शुरु कर दिया. इस दौरान पता चला कि असली बृजराज कटनी में रहता है और पेंटर है. इसके बाद मनोज कटनी पहुंचे. बृजराज पेंटिंग का काम कर रहा था.

उसे डॉक्टर बृजराज की तस्वीर दिखाई तो उसने बताया कि यह बृजराज नहीं बल्कि उसका दोस्त सत्येंद्र है. मनोज ने ओमती थाना में शिकायत की, जिसपर जांच की गई तो पुलिस ने पाया कि सत्येंद्र एमबीबीएस करना चाहता था. सीट कम होने के कारण उसने अपने दोस्त कटनी निवासी बृजराज उइके के नाम का इस्तेमाल कर 2011 में एमबीबीएस में दाखिला लिया. पढ़ाई पूरी करने के बाद डॉक्टर बृजराज ने 2 साल मेडिकल सुपर स्पेशलिस्ट में नौकरी भी की. 2022 में उसने मार्बल सिटी अस्पताल ज्वाइन किया. वहीं इस मामले में मार्बल सिटी अस्पताल के संचालक डॉ संजय नागराज का कहना है कि बृजराज की डिग्री को पूरी तरह से वेरिफाई करवाया गया था. भोपाल काउंसिल का रजिस्ट्रेशन नंबर भी डॉक्टर बृजराज के पास था. अस्पताल के एचआर ने मेडिकल काउंसिल से डॉ बृजराज के दस्तावेजों की जांच के बाद ही उन्हें नौकरी पर रखने की बात कही.

डाक्टर ब्रजराज ने डिग्री में अनुभव प्रमाण पत्र भी लगाया-

दो साल तक डाक्टर ब्रजराज ने मेडिकल सुपर स्पेशलिस्ट के कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट में काम किया था. अनुभव प्रमाण पत्र भी उन्होंने अपनी डिग्री में लगाया था. डॉक्टर नागराज का कहना है की जांच के दौरान बृजराज की मेडिकल काउंसिल का रजिस्ट्रेशन सही पाया गया था, इसके बाद ही उन्हें अस्पताल में जॉब दी गई थी.

असली ब्रजराज के परिजनों ने पढ़ाई कराई-

ब्रजराज उइके के नाम पर नौकरी करने वाले सत्येन्द्र कुमार कटनी के रहने वाले है, बचपन में माता-पिता का निधन होने के कारण ब्रजराज के पिता ने ही सत्येन्द्र को अपने साथ रखा, स्कूली शिक्षा कटनी में दिलाई. इसके बाद सत्येन्द्र ने आरक्षण का लाभ पाने के लिए ब्रजराज की स्कूल की मार्कशीट का उपयोग करके   एमबीबीएस की पढ़ाई की थी. वहीं ब्रजराज का कहना है कि उसे यह बात नहीं पता थी कि सत्येन्द्र ने उसकी मार्कशीट का उपयोग करके फर्जीवाड़ा किया है. 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-