राहु की 18 वर्षों की दशा में ये समय अत्यंत खराब जा सकता!

राहु की 18 वर्षों की दशा में ये समय अत्यंत खराब जा सकता!

प्रेषित समय :18:19:06 PM / Sat, May 24th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

राहु की 18 वर्षों की महादशा एक विशेष रूप से महत्वपूर्ण और प्रभावशाली अवधि मानी जाती है, क्योंकि राहु एक छाया ग्रह है और यह जिस भी ग्रह के साथ संबंध बनाता है, उसका फल बिगाड़ या बढ़ा सकता है. राहु की महादशा में कुछ ग्रहों के अंतरदशा सामान्यतः खराब माने जाते हैं, खासकर यदि कुंडली में राहु अशुभ स्थिति में हो.
यहाँ राहु महादशा में कौन-कौन सी अंतरदशाएं सामान्यतः खराब प्रभाव देती हैं,
1. राहु अंतरदशा (राहु महादशा में राहु)
अत्यधिक भ्रम, मानसिक तनाव, भय, दुर्घटनाएं, नशे की प्रवृत्ति.
अगर राहु नीच राशि में, पाप ग्रहों से युत या दृष्ट है, तो प्रभाव अधिक नकारात्मक होंगे.
2. शनि अंतरदशा (राहु महादशा में शनि)
दोनों ही ग्रह वायु तत्व और कर्म प्रधान होते हैं.
अगर शनि भी कुंडली में अशुभ हो, तो बेरोजगारी, संघर्ष, बीमारी, मानसिक चिंता हो सकती है.
3. मंगल अंतरदशा (राहु महादशा में मंगल)
राहु और मंगल मिलकर "अंगारक योग" बनाते हैं.
क्रोध, दुर्घटनाएं, झगड़े, रक्त विकार, कानूनी समस्याएं संभव हैं.
4. चंद्रमा अंतरदशा (राहु महादशा में चंद्र)
चंद्रमा मन का कारक है और राहु इसे भ्रमित करता है.
मानसिक अशांति, नींद की कमी, भावनात्मक अस्थिरता हो सकती है.
5. केतु अंतरदशा (राहु महादशा में केतु)
राहु और केतु दोनों छाया ग्रह हैं.
यह समय आध्यात्मिक भ्रम, रिश्तों में टूटन, अजीब अनुभव, अलगाव आदि दे सकता है.
किनकी अंतरदशा अच्छी मानी जाती है?
6. राहु में गुरु अंतर्दशा में जातक को अत्यंत अशुभ परिणाम मिल सकते है, विशेषकर धन नस्त्र सकता है,इसे अवधि में संतान, घर के वरिष्ठ सदस्यों को दिक्कत,शेयर बाजार में नुकसान, घर में चोरी आदि हो सकती है.
यदि गुरु, बुध या सूर्य शुभ स्थिति में हैं, तो उनकी अंतरदशाएं राहु महादशा में कुछ राहत दे सकती हैं, विशेषकर यदि वे राहु से बलवान हों या उससे मित्रता रखते हों.
*पंडित चंद्रशेखर नेमा हिमांशु*
9893280184

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-