केतु जब कुंडली में अशुभ या पीड़ित अवस्था में होता है, तो इसके परिणाम भी कष्टदायक हो सकते हैं. इसके कुछ संभावित अशुभ परिणाम निम्न हो सकते हैं:
*मानसिक तनाव और भ्रम* – व्यक्ति को बार-बार उलझन या भ्रम की स्थिति हो सकती है, एकाग्रता में कमी आती है.
*धार्मिक भ्रम या अंधविश्वास* व्यक्ति अति धार्मिक या अंधविश्वासी बन सकता है, कभी-कभी गलत साधना या टोटकों की ओर आकर्षित हो जाता है.
*अचानक हानि* विशेषकर निवेश, संपत्ति या संबंधों में अचानक नुकसान या विश्वासघात.
*स्वास्थ्य समस्याएं* त्वचा रोग, फोड़े-फुंसी, सिरदर्द, मनोविकार, स्नायु संबंधी समस्याएं आदि हो सकती हैं.
*एकाकीपन या आत्मविमुखता* व्यक्ति समाज से कट सकता है, अकेलापन महसूस कर सकता है.
*वास्तविकता से कटाव* कल्पना में जीने की प्रवृत्ति, भ्रमित निर्णय लेना.
*पूर्वज दोष या पितृदोष से जुड़ी समस्याएं* विशेषकर अगर केतु 5वें, 8वें या 12वें भाव में हो
*पंडित चंद्रशेखर नेमा हिमांशु*(9893280184)
मां कामाख्या साधक जन्मकुंडली विशेषज्ञ वास्तु शास्त्री
केतु जब कुंडली में अशुभ हो तो क्या परिणाम मिलते
प्रेषित समय :19:22:06 PM / Sun, May 25th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर