Aaj Ka Din: मंगलवार, 3 जून 2025, आषाढ़ नवरात्रि 26 जून 2025 से....

Aaj Ka Din: मंगलवार, 3 जून 2025, आषाढ़ नवरात्रि 26 जून 2025 से....

प्रेषित समय :00:17:55 AM / Tue, Jun 3rd, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

* प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी, बॉलीवुड एस्ट्रो एडवाइजर (व्हाट्सएप- 8875863494)
* आषाढ़ नवरात्रि घटस्थापना - 26 जून 2025
* घटस्थापना मुहूर्त - 05:48 से 07:19
* घटस्थापना अभिजित मुहूर्त - 12:08 से 13:02
* प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ - 25 जून 2025 को 16:00 बजे
* प्रतिपदा तिथि समाप्त - 26 जून 2025 को 13:24 बजे

नवरात्रि के अवसर पर श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाता है, जिसमें दैत्य महिषासुर पर माता दुर्गा की विजय का वर्णन है.
श्री दुर्गा सप्तशती को देवी माहात्म्यम्, चण्डी पाठ भी पुकारा जाता है, जो मार्कण्डेय पुराण का एक भाग है, जिसकी रचना ऋषि मार्कण्डेय ने की और जिसमें 700 श्लोक हैं, इसीलिए इसे श्री दुर्गा सप्तशती के नाम से जाना जाता है.
इन 700 श्लोकों को 13 अध्यायों में विभक्त किया गया है, तो 13 अध्यायों को भी तीन भागों में बांटा गया है, जिन्हें प्रथम, मध्यम और उत्तर चरित्र के रूप मंह प्रस्तुत किया जाता है.
दुर्गा सप्तशती के अनुष्ठान की शुरुआत सप्तश्लोकी दुर्गा से होती है....
॥ अथ सप्तश्लोकी दुर्गा ॥
॥ शिव उवाच ॥
देवि त्वं भक्तसुलभेसर्वकार्यविधायिनी.
कलौ हि कार्यसिद्ध्यर्थमुपायंब्रूहि यत्नतः॥
शिवजी बोले - हे देवि! तुम भक्तों के लिये सुलभ हो और समस्त कर्मों का विधान करने वाली हो. कलियुग में कामनाओं की सिद्धि हेतु यदि कोई उपाय हो तो उसे अपनी वाणी द्वारा सम्यक्-रूप से व्यक्त करो.
॥ देव्युवाच ॥
श्रृणु देव प्रवक्ष्यामिकलौ सर्वेष्टसाधनम्.
मया तवैव स्नेहेनाप्यम्बास्तुतिः प्रकाश्यते॥
देवी ने कहा - हे देव! आपका मेरे ऊपर बड़ा स्नेह है. कलियुग में समस्त कामनाओं को सिद्ध करने वाला जो साधन है, वह बतलाऊँगी, सुनो! उसका नाम है 'अम्बा स्तुति'.
॥ विनियोगः ॥
ॐ अस्य श्रीदुर्गासप्तश्लोकीस्तोत्रमन्त्रस्यनारायण ऋषिः,
अनुष्टुप् छन्दः,श्रीमहाकालीमहालक्ष्मीमहासरस्वत्यो देवताः, श्रीदुर्गाप्रीत्यर्थं सप्तश्लोकीदुर्गापाठे विनियोगः.
ॐ इस दुर्गा सप्तश्लोकी स्तोत्र मन्त्र के नारायण ऋषि हैं, अनुष्टुप् छन्द है, श्री महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती देवता हैं, श्री दुर्गा की प्रसन्नता के लिये सप्तश्लोकी दुर्गापाठ में इसका विनियोग किया जाता है.
ॐ ज्ञानिनामपि चेतांसिदेवी भगवती हि सा.
बलादाकृष्य मोहायमहामाया प्रयच्छति॥1॥
वे भगवती महामाया देवी ज्ञानियों के भी चित्त को बलपूर्वक खींचकर मोह में डाल देती हैं.
दुर्गे स्मृताहरसि भीतिमशेषजन्तोः
स्वस्थैः स्मृतामतिमतीव शुभां ददासि.
दारिद्र्यदुःखभयहारिणिका त्वदन्या
सर्वोपकारकरणायसदार्द्रचित्ता॥2॥
माँ दुर्गे! आप स्मरण करने पर सब प्राणियों का भय हर लेती हैं, और स्वस्थ पुरुषों द्वारा चिन्तन करने पर उन्हें परम कल्याणमयी बुद्धि प्रदान करती हैं. दुःख, दरिद्रता और भय हरने वाली देवि! आपके सिवा दूसरी कौन है, जिसका चित्त सबका उपकार करने के लिये सदा ही दयार्द्र रहता हो.
सर्वमङ्गलमङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके.
शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते॥3॥
नारायणी! तुम सब प्रकार का मङ्गल प्रदान करने वाली मङ्गलमयी हो. कल्याणदायिनी शिवा हो. सब पुरुषार्थों को सिद्ध करने वाली शरणागतवत्सला, तीन नेत्रों वाली एवं गौरी हो. तुम्हें नमस्कार है.
शरणागतदीनार्तपरित्राणपरायणे.
सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमोऽस्तु ते॥4॥
शरण में आये हुये दीनों एवं पीड़ितों की रक्षा में संलग्न रहने वाली तथा सबकी पीड़ा दूर करने वाली नारायणी देवी! तुम्हें नमस्कार है.
सर्वस्वरूपे सर्वेशेसर्वशक्तिसमन्विते.
भयेभ्यस्त्राहि नो देवि दुर्गेदेवि नमोऽस्तु ते॥5॥
सर्वस्वरूपा, सर्वेश्वरी तथा सब प्रकार की शक्तियों से सम्पन्न दिव्यरूपा दुर्गे देवि! सब भयों से हमारी रक्षा करो; तुम्हें नमस्कार है.
रोगानशेषानपहंसि तुष्टा रूष्टातु कामान् सकलानभीष्टान्.
त्वामाश्रितानां न विपन्नराणांत्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयान्ति॥6॥
देवि! तुम प्रसन्न होने पर सब रोगों को नष्ट कर देती हो, और कुपित होनेपर मनोवाञ्छित सभी कामनाओं का नाश कर देती हो. जो तुम्हारी शरण में जा चुके हैं, उन पर विपत्ति तो आती ही नहीं. तुम्हारी शरण में गये हुये
मनुष्य दूसरों को शरण देने वाले हो जाते हैं.
सर्वाबाधाप्रशमनंत्रैलोक्यस्याखिलेश्वरि.
एवमेव त्वयाकार्यमस्मद्वैरिविनाशनम्॥7॥
सर्वेश्वरी! तुम इसी प्रकार तीनों लोकों की समस्त बाधाओं को शान्त करो और हमारे शत्रुओं का नाश करती रहो.
॥ इति श्रीसप्तश्लोकी दुर्गा सम्पूर्ण ॥
श्री त्रिपुरा सुंदरी दैनिक धर्म-कर्म पंचांग - 3 जून 2025
* मासिक दुर्गाष्टमी - 3 जून 2025, मंगलवार
* शुक्ल अष्टमी प्रारम्भ - 20:34, 2 जून 2025
* शुक्ल अष्टमी समाप्त - 21:56, 3 जून 2025
शक सम्वत 1947, विक्रम सम्वत 2082, अमान्त महीना ज्येष्ठ, पूर्णिमान्त महीना ज्येष्ठ, वार मंगलवार, पक्ष शुक्ल, तिथि अष्टमी - 21:56 तक, नक्षत्र पूर्वाफाल्गुनी - 00:58, (4 जून 2025) तक, योग हर्षण - 08:09 तक, करण विष्टि - 09:10 तक, द्वितीय करण बव - 21:56 तक, सूर्य राशि वृषभ, चन्द्र राशि सिंह, राहुकाल 15:53 से 17:35, अभिजित मुहूर्त 12:04 से 12:58
दैनिक चौघड़िया - 3 जून 2025, मंगलवार
दिन का चौघड़िया
रोग - 05:45 से 07:27
उद्वेग - 07:27 से 09:08
चर - 09:08 से 10:49
लाभ - 10:49 से 12:31
अमृत - 12:31 से 14:12
काल - 14:12 से 15:53
शुभ - 15:53 से 17:35
रोग - 17:35 से 19:16
रात्रि का चौघड़िया
काल - 19:16 से 20:35
लाभ - 20:35 से 21:53
उद्वेग - 21:53 से 23:12
शुभ - 23:12 से 00:30
अमृत - 00:30 से 01:49
चर - 01:49 से 03:08
रोग - 03:08 से 04:26
काल - 04:26 से 05:45 
* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है.
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, विभिन्न पंचांगों, धर्मग्रथों से साभार ली गई है,स्थानीय समय, परंपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं, क्योंकि यहां दिया जा रहा समय अलग-अलग शहरों में स्थानीय समय के सापेक्ष थोड़ा अलग हो सकता है.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!
आज का राशिफल -
मेष राशि:- पुराना रोग परेशानी का कारण बन सकता है. विवाद को बढ़ावा न दें. राजभय रहेगा. जल्दबाजी से बचें. योजना फलीभूत होगी. कार्यस्‍थल पर परिवर्तन तथा सुधार की संभावना है. व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा. नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे. जीवन सुखमय गुजरेगा. लाभ होगा.

वृष राशि:- धर्म-कर्म में रुचि रहेगी. सत्संग का लाभ होगा. धार्मिक कृत्यों पर व्यय होगा. कारोबार लाभदायक रहेगा. विवेक से कार्य करें. लाभ के अवसर हाथ आएंगे. नौकरी में चैन रहेगा. शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड इत्यादि में जल्दबाजी न करें.

मिथुन राशि:- लेन-देन में जल्दबाजी न करें. कारोबार अच्‍छा चलेगा. नौकरी में कार्यभार रहेगा. सहकर्मी साथ नहीं देंगे. जल्दबाजी न करें. चोट व दुर्घटना से शारीरिक हानि संभव है. पुराना रोग उभर सकता है. क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें. वाणी पर संयम आवश्यक है.

कर्क राशि:- नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा. किसी बड़े काम के होने से प्रसन्नता रहेगी. अप्रत्याशित लाभ हो सकता है. सुख के साधन जुटेंगे. नवीन वस्त्राभूषण पर व्यय होगा. कारोबार में वृद्धि होगी. शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड से मनोनुकूल सफलता प्राप्त होगी. प्रमाद न करें.

सिंह राशि:- धन प्राप्ति सुगम होगी. किसी बड़े काम को करने की इच्छा बनेगी. कारोबार अच्छा चलेगा. रोजगार में वृद्धि होगी. भाग्य का साथ मिलेगा. निवेश शुभ रहेगा. पार्टनरों से मतभेद दूर होंगे. व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी. रुका हुआ पैसा मिल सकता है.

कन्या राशि:- स्वास्थ्य पर बड़ा खर्च हो सकता है. कर्ज लेना पड़ सकता है. निर्णय लेने में जल्दबाजी न करें. अकारण विवाद की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. यात्रा में सावधानी आवश्यक है. कारोबार ठीक चलेगा. बेचैनी रहेगी. ईर्ष्यालु व्यक्तियों से सावधान रहें. धैर्य रखें.

तुला राशि:- शुभ समाचार प्राप्त होंगे. यात्रा सफल रहेगी. आत्मविश्वास में वृद्धि होगी. घर में अतिथियों का आगमन होगा. व्यय होगा. नए मित्र बनेंगे. व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा. नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे. धन प्राप्ति सुगम होगी. दूसरों के कार्य में दखल न दें.

वृश्चिक राशि:- घर-बाहर पूछ-परख रहेगी. मेहनत का फल पूरा-पूरा मिलेगा. जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे. मित्रों व रिश्तेदारों की मदद करने का अवसर प्राप्त होगा. कार्यसिद्धि से प्रसन्नता रहेगी. लाभ के अवसर हाथ आएंगे. नौकरी में प्रमोशन मिल सकता है.

धनु राशि:- किसी अपने व्यक्ति से कहासुनी हो सकती है. वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें. बुरी खबर मिल सकती है. स्वास्‍थ्य का पाया कमजोर रहेगा. व्यर्थ भागदौड़ रहेगी. नौकरी में कार्यभार रहेगा. दूसरे अधिक अपेक्षा करेंगे. धैर्य रखें.

मकर राशि:- विद्यार्थी वर्ग अपने कार्य में सफलता प्राप्त करेगा. एकाग्रता बनी रहेगी. कारोबार में वृद्धि होगी. किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा. यात्रा मनोरंजक रहेगी. कारोबार लाभदायक रहेगा. निवेश शुभ रहेगा. घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी.

कुम्भ राशि:- स्थायी संपत्ति में वृद्धि के योग हैं. बड़े लाभदायक सौदे हो सकते हैं. बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे. उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे. भाग्य का साथ मिलेगा. निवेश शुभ रहेगा. नौकरी में उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे. शारीरिक कष्ट की आशंका है. जल्दबाजी न करें.

मीन राशि:- राजकीय सहयोग प्राप्त होगा. रुके कार्यों में गति आएगी. जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा. व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी. नए काम मिल सकते हैं. थकान व कमजोरी रह सकती है. नौकरी में चैन रहेगा. लाभ के अवसर हाथ आएंगे. निवेश शुभ रहेगा. घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी.
 * आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ)  वाट्सएप नम्बर 7879372913
* यहां राशिफल चन्द्र के गोचर पर आधारित है, व्यक्तिगत जन्म के ग्रह और अन्य ग्रहों के गोचर के कारण शुभाशुभ परिणामों में कमी-वृद्धि संभव है, इसलिए अच्छे समय का सद्उपयोग करें और खराब समय में सतर्क रहें.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-