Aaj Ka Din: बुधवार,4 जून 2025, महेश नवमी - सत्य... सुंदर... सुखदायी... शिवोपासना!

Aaj Ka Din: बुधवार,4 जून 2025, महेश नवमी - सत्य... सुंदर... सुखदायी... शिवोपासना!

प्रेषित समय :20:18:55 PM / Tue, Jun 3rd, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

* प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी, बॉलीवुड एस्ट्रो एडवाइजर (व्हाट्सएप- 8875863494)
* महेश नवमी - बुधवार, 4 जून 2025
* नवमी तिथि प्रारम्भ - 3 जून 2025 को 21:56 बजे
* नवमी तिथि समाप्त - 4 जून 2025 को 23:54 बजे

कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्.
सदा वसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानीसहितं नमामि..
* देवों के देव महादेव
देवों के देव महादेव आदि देव हैं. भगवान भोलेनाथ विषयक महत्वपूर्ण जानकारियां शिव पुराण में दी गई हैं. हिन्दू धर्म में शिव को मानने वालों को शैव कहते हैं.
शिव आराधना मंत्र... ऊँ नम: शिवाय.. 
यह मंत्र समस्त दुख दूर करने वाला मंत्र माना गया है. ऊँ- भगवान शिव का एकाक्षर मंत्र है तो- नम: शिवाय, भगवान शिव का पंचाक्षरी मंत्र है.
* शिव परिवार
धर्मग्रथों के अनुसार भगवान शिव के दो विवाह हुए तथा दोनों ही बार उनका विवाह देवी भगवती के अवतारों से हुआ. 
पहला राजा दक्ष की पुत्री सती के साथ और दूसरा हिमालय पुत्री देवी पार्वती के साथ. भोलेनाथ के दो पुत्र हैं- कार्तिकेय और भगवान श्रीगणेश. 
* शिवलिंग स्वरूप
पृथ्वी पर भोलनाथ शिवलिंग स्वरूप में विद्यमान हैं. ऐसा माना जाता है कि जाग्रत शिवलिंग में भगवान शिव का वास होता है तथा मन से पूजा करने पर ऐसी कोई कामना नहीं है जो पूरी नहीं हो! 
देश-विदेश में असंख्य शिवलिंग हैं, जिनमें से बारह सर्वोच्च ज्योतिर्लिंग हैं. 
* कहां रहते हैं शिव?
कैलाश पर्वत पर भोलनाथ रहते हैं, लेकिन काशी उनकी प्रिय नगरी है. जैसाकि कहा जाता है- काशी के कण-कण में शिव बसे हैं! समस्त जाग्रत शिवलिंग पवित्र मन से पूजा करने पर शिव का अहसास कराते हैं!
* ये शिव को प्रिय हैं!
भोलेनाथ को भोले भक्त सर्वाधिक प्रिय है. 
* बेलपत्र- भगवान शिवशंकर सर्वसुलभ पूजन सामग्री से प्रसन्न होते हैं इसलिए हर व्यक्ति भोलेनाथ की पूजा-आराधना कर सकता है. भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए पूजा में जल, बेलपत्र, भांग, धतूरा आदि ही पर्याप्त हैं.
* भस्म- शिव भस्म में रमते हैं, इसलिए माना जाता है कि भोलेनाथ की पूजा भस्म के बिना अधुरी रहती है.
* रुद्राक्ष- शिवसत्ता में रुद्राक्ष पवित्रतम आभूषण है. त्रिपुरासुर राक्षस के वध के बाद प्रसन्नता से भगवान शिव के नेत्रों से गिरे अश्रु बिन्दुओं से जो वृक्ष उत्पन्न हुए, रुद्राक्ष स्वरूप प्रसिद्ध हुए. यदि इसकी पवित्रता की रक्षा नहीं कर पाएं तो सांसारिक व्यक्तियों को रुद्राक्ष नहीं धारण करना चाहिए! 
* महाशिवरात्रि
महाशिवरात्रि शिवभक्तों का सबसे बड़ा त्योहार है, जब सारा वातावरण शिवमय हो जाता है. 
* पूजा विधि 
भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए भक्त-गण अनेकानेक उपाय करते हैं, लेकिन मन के देवता तो शुद्ध मन की प्रार्थना से ही प्रसन्न हो जाते हैं इसलिए पूजा विधि कोई भी अपनाएं लेकिन शांत और पवित्र मन से महादेव को पुकारें, प्रार्थना अवश्य सफल होगी! 
यहां शिवजी के पूजन की सरल जानकारी दी जा रही है...
* भगवान शंकर की पूजा के समय शुद्ध आसन पर बैठकर पहले आचमन करें, शरीर शुद्ध करें. 
* पूजन-सामग्री को यथास्थान रखकर दीप प्रज्ज्वलित कर लें.
* स्वस्ति-पाठ करें-
स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवा:, 
स्वस्ति ना पूषा विश्ववेदा:. 
स्वस्ति न स्तारक्ष्यो अरिष्टनेमि 
स्वस्ति नो बृहस्पति र्दधातु..

* इसके बाद पूजन-संकल्प कर भगवान श्रीगणेश एवं गौरीमाता पार्वती का ध्यान कर पूजन करना चाहिए.
* भगवान श्रीगणेश और माता पार्वती के पूजन के पश्चात नन्दीश्वर, वीरभद्र, कार्तिकेय (स्त्रियां बालस्वरूप कार्तिकेय का स्वयं माता के रूप में ध्यान कर पूजन करें) एवं नागदेव का पूजन करें. 
* हाथ में बिल्वपत्र, अक्षत आदि लेकर भगवान शिव का ध्यान करें.
* भगवान भोलेनाथ का ध्यान करने के बाद आसन, आचमन, स्नान, दही-स्नान, घी-स्नान, शहद-स्नान व शक्कर-स्नान कराएं.
* इसके पश्चात भगवान का एक साथ पंचामृत स्नान कराएं. 
* सुगंध-स्नान कराएं और फिर शुद्ध स्नान कराएं.
* अब भगवान शिव को वस्त्र चढ़ाएं, जनेऊ चढाएं. 
* इसके बाद सुगंध, इत्र, अक्षत, पुष्पमाला, बिल्वपत्र चढाएं.
* फिर भोलेनाथ को धूप-दीप और विविध प्रकार के फल अर्पित करें.
* भोलेनाथ को नैवेद्य प्रस्तुत करें.
* आरती के लिए ज्योत प्रज्ज्वलित करें. 
* शिवजी की आरती करें... 
ओम जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा.
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अद्र्धांगी धारा.
ओम जय शिव ओंकारा..
एकानन चतुरानन पंचानन राजे. हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे.
ओम जय शिव ओंकारा..
दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे.
त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे.
ओम जय शिव ओंकारा..
अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी.
त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी.
ओम जय शिव ओंकारा..
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे.
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे.
ओम जय शिव ओंकारा..
कर के मध्य कमण्डलु चक्र त्रिशूलधारी.
सुखकारी दुखहारी, जगपालन कारी.
ओम जय शिव ओंकारा..
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका.
मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे.
ओम जय शिव ओंकारा..
लक्ष्मी-सावित्री-पार्वती संगा.पार्वती अद्र्धांगी, शिवलहरी गंगा.
ओम जय शिव ओंकारा..
पर्वत सोहैं पार्वती, शंकर कैलासा.
भांग धतूर का भोजन, भस्मी में वासा.
ओम जय शिव ओंकारा..
जटा में गंग बहत है, गल मुण्डन माला.
शेष नाग लिपटावत, ओढ़त मृगछाला.
ओम जय शिव ओंकारा..
काशी में विश्वनाथ विराजे, नन्दी ब्रह्मचारी.
नित उठ दर्शन पावत, महिमा अति भारी.
ओम जय शिव ओंकारा..
त्रिगुणस्वामीजी की आरती जो कोइ नर गावे.
कहत शिवानन्द स्वामी, मनवान्छित फल पावे.
ओम जय शिव ओंकारा..
-ओम नम: शिवाय-
* क्षमा याचना
शिवपूजा के बाद क्षमा-याचना करें...
आह्वानं ना जानामि, न जानामि तवार्चनं, 
पूजां चैव न जानामि, क्षमस्व महेश्वर:!
श्री त्रिपुरा सुंदरी दैनिक धर्म-कर्म पंचांग - 4 जून 2025
शक सम्वत 1947, विक्रम सम्वत 2082, अमान्त महीना ज्येष्ठ, पूर्णिमान्त महीना ज्येष्ठ, वार बुधवार, पक्ष शुक्ल, तिथि नवमी - 23:54 तक, नक्षत्र उत्तराफाल्गुनी - 03:35, (5 जून 2025) तक, योग वज्र - 08:29 तक, करण बालव - 10:51 तक, द्वितीय करण कौलव - 23:54 तक, सूर्य राशि वृषभ, चन्द्र राशि सिंह - 07:35 तक, राहुकाल 12:31 से 14:12, अभिजित मुहूर्त - नहीं है.
दैनिक चौघड़िया - 4 जून 2025, बुधवार
दिन का चौघड़िया
लाभ - 05:45 से 07:27
अमृत - 07:27 से 09:08
काल - 09:08 से 10:49
शुभ - 10:49 से 12:31
रोग - 12:31 से 14:12
उद्वेग - 14:12 से 15:53
चर - 15:53 से 17:35
लाभ - 17:35 से 19:16
रात्रि का चौघड़िया
उद्वेग - 19:16 से 20:35
शुभ - 20:35 से 21:53
अमृत - 21:53 से 23:12
चर - 23:12 से 00:31
रोग - 00:31 से 01:49
काल - 01:49 से 03:08
लाभ - 03:08 से 04:26
उद्वेग - 04:26 से 05:45 
* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है.
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, विभिन्न पंचांगों, धर्मग्रथों से साभार ली गई है,स्थानीय समय, परंपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं, क्योंकि यहां दिया जा रहा समय अलग-अलग शहरों में स्थानीय समय के सापेक्ष थोड़ा अलग हो सकता है.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!
आज का राशिफल -
मेष राशि:- आज आपकी तबीयत कुछ ठीक नहीं रहेगी . आज आपको सर्दी, कफ, बुखार जैसी समस्याएं हो सकती हैं. किसी का भला करने की कोशिश करेंगे तो आप ही मुसिबत में फंस सकते हैं. किसी से पैसों का लेन-देन न करें, तो बेहतर रहेगा. अधिक लाभ के लालच में हानि हो सकती है.

वृष राशि:- आज आपका दिन शुभ फलदायी है. धन व पद में वृद्धि के योग हैं. व्यापार में किए गए सौदे में लाभ मिलेगा. परिवारजनों तथा मित्रों के साथ सुखद क्षणों का आनंद प्राप्त करेंगे. छोटा प्रवास हो सकता है तथा नए संपर्क भी हो सकते हैं. कुल मिलाकर आज आपका दिन अच्छा बीतेगा.

मिथुन राशि:- आज का दिन शुभ तथा अनुकूल होगा. कार्यालय में सहकर्मचारी तथा ऊपरी अधिकारियों से संबंध अच्छे रहेंगे तथा सामाजिक दृष्टि से भी आपके मान-सम्मान में वृद्धि होगी. पदोन्नति का योग बन रहा है. स्वास्थ्य अच्छा रहेगा व सांसारिक जीवन आनंदमय तरीके से बीतेगा.

कर्क राशि:- आज आपका पूरा दिन धार्मिक कार्यों, पूजा- पाठ आदि में बीतेगा. परिवारजनों के साथ आनंदपूर्वक समय बिता पाएंगे. स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और मन भी चिंता रहित होगा. आकस्मिक धन लाभ का योग बन रहा है. आज आपके भाग्य में अच्छे परिवर्तन हो सकते हैं.

सिंह राशि:- आज आपको संभलकर रहने की सलाह दे रहे हैं. आज आप को विपरित संयोगों के कारण प्रतिकार का सामना करना पड़ सकता है. स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखें. स्वास्थ्य बिगड़ने से आकस्मिक खर्च हो सकता है. परिवारजनों के साथ संयमपूर्वक व्यवहार करें तो ही बेहतर रहेगा. अनैतिक कार्यों से दूर रहें.

कन्या राशि:- आज सामाजिक तथा अन्य क्षेत्रों में ख्याति या सम्मान बढ़ेगा. सुंदर वस्त्र और आभूषण की खरीदारी कर सकते हैं. वाहनसुख मिलेगा तथा भागीदारों के साथ संबंध अच्छे रहेंगे. पति-पत्नी के बीच की तकरार खत्म होगी तथा घनिष्ठता बढे़गी.

तुला राशि:- आज घर में सुख-शांति का वातावरण बना रहेगा. जिसके कारण मन प्रसन्न रहेगा. कार्यालय में सहकर्मियों के साथ सहकारपूर्वक कार्य करेंगे. माता-पिता की ओर से कोई अच्छा समाचार मिल सकता है. प्रतिस्पर्धियों पर विजय प्राप्त करेंगे.

वृश्चिक राशि:- आज आपका दिन मध्यम फलदायी होगा, ऐसा गणेश जी कहते हैं. विद्यार्थियों के लिए आज का दिन फलदायी है. लेकिन आज कोई नया कार्य प्रारंभ न करें. आर्थिक आयोजन के लिए अनुकूल दिन रहेगा जिससे आपका परिश्रम फलदायी होगा.

धनु राशि:- आज के दिन आपका मन उदास रहेगा. शरीर में स्फूर्ति तथा मन में प्रफुल्लता की कमी का अनुभव होगा. आपके स्वभिमान को ठेस न पहुंचे इसका ध्यान रखें. धनहानि हो सकती है.

मकर राशि:- आज का दिन आपके लिए नए कार्यों का प्रारंभ करने के लिए शुभ है. नौकरी, व्यापार तथा दैनिक कार्य में अनुकूल परिस्थितियां रहेंगी जिससे मन प्रसन्न होगा. भाई-बंधुओं से लाभ तथा सहकार मिलेगा तथा आर्थिक लाभ हो सकता है.

कुंम्भ राशि:- आज किसी से अधिक विवाद न करने की सलाह देते हैं. धार्मिक कार्यों में आपका धन खर्च हो सकता है. पारिवारिक वातावरण खराब हो सकता है. कार्य में असफलता हो सकती है जिससे मन में असंतोष तथा निराशा का भाव रहेगा.

मीन राशि:- आज आप का दिन शुभ फलदायी है. घर में उत्साह तथा स्वस्थता रहेगी. नए कार्यों को प्रारंभ के लिए आज का दिन अच्छा है. परिवार के सदस्यों तथा मित्रों के साथ भोजन करने का अवसर मिल सकता है. धनलाभ तो होगा लेकिन अधिक खर्च न हो इसका ख्याल रखें.
 * आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ)  वाट्सएप नम्बर 7879372913
* यहां राशिफल चन्द्र के गोचर पर आधारित है, व्यक्तिगत जन्म के ग्रह और अन्य ग्रहों के गोचर के कारण शुभाशुभ परिणामों में कमी-वृद्धि संभव है, इसलिए अच्छे समय का सद्उपयोग करें और खराब समय में सतर्क रहें.

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