सनातन धर्म में पूजा-पाठ के दौरान कई बार ऐसे संकेत मिलते हैं, जिनसे यह समझा जा सकता है कि आपकी आराधना सफल हो रही है या नहीं. जब कोई व्यक्ति पूर्ण श्रद्धा और आस्था से अपने इष्ट देव की पूजा करता है, तब देवी-देवता कुछ संकेतों के माध्यम से अपनी उपस्थिति या अप्रसन्नता प्रकट करते हैं. आइए जानते हैं पूजा-पाठ के दौरान मिलने वाले कुछ विशेष संकेतों का अर्थ क्या होता है—
1. पूजा के समय हाथ जलना
यदि पूजा के दौरान दीया जलाते समय या हवन करते हुए हाथ जल जाए, तो इसे शास्त्रों में एक चेतावनी के रूप में देखा जाता है. यह संकेत देता है कि पूजा विधि में कोई त्रुटि हुई है — जानबूझकर या अनजाने में. इस स्थिति में तुरंत भगवान से क्षमा याचना करें और आगे से पूजा-विधान में सावधानी बरतें.
2. दीपक का बुझना
पूजा के बीच में दीपक का बुझ जाना अपशकुन माना जाता है. मान्यता है कि यह ईश्वर की नाराजगी का संकेत होता है और इसका प्रभाव पूजा के फल पर पड़ सकता है.
विशेष:
यदि अखंड ज्योति बुझ जाए तो इसे बड़ा अशुभ संकेत माना जाता है. इससे मनोकामना में बाधा आ सकती है.
सावधानी के लिए दीपक में पर्याप्त घी या तेल भरें, और हवा से बचाव करें.
3. घर के मंदिर में आग लगना
मंदिर में अचानक आग लगना घर में नकारात्मक ऊर्जा के बढ़ने का संकेत हो सकता है. ऐसी स्थिति में पूरे घर में सकारात्मकता बनाए रखने के लिए नियमित रूप से लौंग व कपूर जलाएं, और विधिवत पूजा करें.
4. आंखों से आंसू आना
यदि पूजा करते समय आंखों से स्वतः आंसू निकलने लगे तो यह अत्यंत शुभ संकेत है. इसका अर्थ है कि आपके दुखों का अंत निकट है, और भगवान ने आपकी पुकार सुन ली है.
5. उबासी आना
पूजा करते समय बार-बार उबासी आना यह दर्शाता है कि आपके भीतर नकारात्मकता या अशुद्ध विचार मौजूद हैं. ऐसे में ध्यान केंद्रित करने और स्वयं को शुद्ध रखने की आवश्यकता होती है.
6. पूजा में छींक आना: शुभ या अशुभ?
एक छींक आना पूजा के दौरान अशुभ संकेत माना जाता है, यह मन की अस्थिरता को दर्शाता है.
परंतु यदि गाय, बछड़ा या कुत्ता छींक दे, तो इसे शुभ माना जाता है.
शास्त्रों में यह भी माना गया है कि दवा लेते समय छींक आना रोग निवारण का संकेत है.
पूजा सफल होने के शुभ संकेत:
यदि नीचे दिए गए संकेत मिलते हैं, तो समझिए कि आपकी पूजा भगवान तक पहुंच चुकी है और शीघ्र ही उसका फल मिलेगा—
नीलकंठ पक्षी का तीन दिन लगातार दिखना — महादेव की कृपा का संकेत.
सफेद गाय का घर के सामने आना और दूध पिलाना — देवी-देवता की विशेष कृपा.
चिड़िया का घर में घोंसला बनाना — सकारात्मक ऊर्जा का संकेत.
दीपक की लौ का तेज़ जलना — पूजा सिद्धि और मनोकामना पूर्ति का संदेश.
घर में प्राकृतिक खुशबू आना — दिव्य उपस्थिति का संकेत.
ब्रह्ममुहूर्त (सुबह 3:00–5:30) में नींद खुलना — ईश्वर की चेतना से जुड़ाव.
पूजा के समय अतिथि का आगमन और उपहार लाना — पूजा की स्वीकृति का संकेत.
बंदरों का झुंड दिखना — हनुमानजी की कृपा का प्रतीक.
निष्कर्ष:
पूजा केवल एक कर्मकांड नहीं, बल्कि ईश्वर से संवाद का माध्यम है. यदि हम पूरी श्रद्धा से पूजा करते हैं तो ईश्वर अवश्य संकेत देते हैं. ज़रूरत है तो केवल उन संकेतों को समझने और उनका सम्मान करने की.