*तुला दान एक ऐसी दान-प्रथा है जिसमें व्यक्ति अपने वजन के बराबर कोई वस्तु (जैसे सोना, चांदी, अनाज, या अन्य सामग्री) दान करता है. यह एक प्राचीन हिंदू अनुष्ठान है जो धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है. तुला दान करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है.*
*कलिकाल में तुलादान के समान कोई दान नहीं है शास्त्रों में सोलह महादानों में पहला महादान तुलादान बताया है. पौराणिक काल में सबसे पहले भगवान श्रीकृष्ण ने तुलादान किया. रत्न, चांदी, लोहा आदि धातु, घी, लवण (नमक), गुड़, चीनी, चंदन, कुमकुम, वस्त्र, सुगंधित द्रव्य, कपूर, फल व विभिन्न अन्नों से तुलादान किया जाता है. आधि-व्याधि, ग्रह-पीड़ा व दरिद्रता के निवारण के लिए तुलादान बहुत श्रेष्ठ माना जाता है.*
*अपने वजन के बराबर सामग्री तोलकर गोमाता को दान करने से सबसे अधिक पुण्य की प्राप्ति होती है, क्योंकि गो को दिया गया दान ही सर्वश्रेष्ठ है. दान लेने की सबसे बड़ी और प्रथम अधिकारी गोमाता है. इसलिए हमको वर्ष में कम से कम एक बार तुला दान अवश्य करना चाहिए.*
*गुड़ का दान करने से पितरों को विशेष संतुष्टि प्राप्त होती है, इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है,साथ ही,घर में सुख शांति बनी रहती है, ऐसी मान्यता है कि गुड़ का दान करने से घर का क्लेश भी दूर हो जाता है.*
*शिवपुराण के अनुसार नमक का दान करने से बुरा समय दूर होता है और घर में सुख-समृद्धि आती है.*
*चोकर आटा, अन्न दान बहुत शुभ माना जाता है, इससे घर में सुख-समृद्धि होती है.*
*खल दान करने से स्वास्थ्य लाभ प्राप्त हो सकता है. आपको बीमारी से छुटकारा मिल सकता है.*
*तेल का दान करने से व्यक्ति के रुके*
*हुए कार्य जल्द बनने लग जाते हैं.*
*घी का दान करते हैं, उनकी शारीरिक कमजोरियां दूर होती हैं और बीमारियों से मुक्ति मिलती है. आपकी उम्र बढ़ती है.
तुला दान करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती
प्रेषित समय :20:16:38 PM / Fri, Jun 6th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर