नई दिल्ली. मणिपुर के पांच जिलों में एक नेता की गिरफ्तारी के बाद हुए विरोध प्रदर्शन के कारण इंटरनेट 5 दिनों के लिए बंद कर दिया गया है. प्रशासन ने यह कदम सोशल मीडिया पर अफवाहों और भड़काऊ पोस्ट को फैलने से रोकने के लिए उठाया है. फिलहाल, तनावपूर्ण इलाकों में शांति बनाए रखने के लिए भारी सुरक्षा बल तैनात हैं.
सरकार ने शनिवार, 7 जून की रात से 5 जिलों में इंटरनेट और मोबाइल डेटा सेवाओं पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. ये रोक अगले 5 दिनों तक जारी रहेगी. जिन जिलों में इंटरनेट बंद किया गया है उनमें इंफाल वेस्ट, इंफाल ईस्ट, थौबल, बिष्णुपुर और ककचिंग शामिल हैं.
आखिर इंटरनेट बंद क्यों किया गया
इस फैसले के पीछे की वजह मैतई समुदाय के एक संगठन अरामबाई तेंगगोल से जुड़े एक नेता की गिरफ्तारी है. शनिवार देर रात जैसे ही उनकी गिरफ्तारी की खबर फैली, राजधानी इंफाल के कई इलाकों में तनाव बढ़ गया. लोग गुस्से में सड़कों पर उतर आए और विरोध प्रदर्शन करने लगे. रिपोर्ट्स के मुताबिक, लोगों ने सड़कों पर टायर और पुराना फर्नीचर जलाकर अपना गुस्सा जाहिर किया और गिरफ्तार नेता को तुरंत रिहा करने की मांग की.
सरकार को किस बात का डर है
इस विरोध प्रदर्शन और तनाव को देखते हुए प्रशासन को चिंता हुई कि कुछ शरारती तत्व इस मौके का फायदा उठा सकते हैं. उन्हें डर है कि लोग सोशल मीडिया, जैसे कि व्हाट्सएप या फेसबुक पर, भड़काने वाले मैसेज, झूठी खबरें, फोटो या वीडियो फैला सकते हैं. इससे राज्य में शांति भंग हो सकती है और हालात और भी बिगड़ सकते हैं. इसी आशंका को रोकने के लिए, सरकार ने तुरंत एक्शन लेते हुए इंटरनेट बंद करने का फैसला किया. गृह विभाग का कहना है कि यह एक आपातकालीन कदम है ताकि किसी भी तरह की अफवाह को फैलने से रोका जा सके. उन्होंने यह भी साफ किया है कि अगर कोई इस आदेश का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
अभी क्या हैं हालात
फिलहाल, तनाव वाले इलाकों में भारी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है ताकि स्थिति नियंत्रण में रहे. प्रशासन ने आम लोगों से शांति बनाए रखने और किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान न देने की अपील की है. हालांकि, अभी तक यह आधिकारिक तौर पर साफ नहीं किया गया है कि किस नेता को गिरफ्तार किया गया है और उन पर क्या आरोप हैं.
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