मुंबई उपभोक्ता आयोग: नॉनवेज से भावनाएं आहत होती हैं, तो ऐसे रेस्टोरेंट से खाना मंगाने से बचें जहां दोनों तरह का खाना मिलता है!

मुंबई उपभोक्ता आयोग: नॉनवेज से भावनाएं आहत होती हैं

प्रेषित समय :20:50:53 PM / Mon, Jun 9th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

अभिमनोज
वेज की जगह नॉनवेज आ गया, मुआवजा मांगने गए तो मुंबई उपभोक्ता आयोग ने कहा- शाकाहारी रेस्टोरेंट से क्यों नहीं मंगाया, यदि किसी व्यक्ति की धार्मिक भावनाएं मांसाहारी भोजन से आहत होती हैं, तो उसे ऐसे रेस्टोरेंट से खाना मंगाने से बचना चाहिए, जो शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह का खाना देते हैं.
खबरों की मानें तो.... मुंबई के सायन इलाके में एक मोमो रेस्टोरेंट है, जहां से दो लोगों ने ’दार्जिलिंग मोमो कॉम्बो’ मंगाया था, उनका कहना था कि- उन्होंने बार-बार कहा था कि उन्हें सिर्फ शाकाहारी मोमोज़ चाहिए, इसके बावजूद उन्हें गलती से चिकन मोमोज़ परोसे गए.
इन शिकायतकर्ताओं का कहना था कि- इस गड़बड़ी के कारण उन्हें मानसिक आघात पहुंचा, उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुईं, लिहाजा उन्हें छह लाख रुपये का मुआवजा चाहिए.
खबरों पर भरोसा करें तो..... शिकायतकर्ताओं ने यह भी कहा कि- रेस्टोरेंट के डिस्प्ले बोर्ड पर यह भी साफ-साफ नहीं लिखा था कि कौन-सा कॉम्बो वेज है और कौन-सा नॉनवेज.
ऐसे आरोपों पर रेस्टोरेंट की ओर से कहा गया कि- शिकायतकर्ताओं ने खुद ही नॉनवेज मोमोज ऑर्डर किया था, बिल से भी ये बात साबित होती है, शिकायतकर्ताओं ने उनके कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार किया, जिसके बाद उन्हें ऑर्डर का पैसा लौटा दिया गया और खाना भी मुफ्त में दिया गया, इसके अलावा कंपनी ने उन्हें 1200 रुपये का गिफ्ट वाउचर भी ऑफर किया, लेकिन शिकायतकर्ताओं ने छह लाख रुपये मांगे.
रेस्टोरेंट का यह भी कहना था कि- रिफंड के बाद शिकायतकर्ता उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत उपभोक्ता भी नहीं रहे.
खबरें हैं कि.... उपभोक्ता आयोग ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद शिकायत को खारिज कर दिया और कहा कि- शिकायतकर्ता खुद ही नॉनवेज मोमोज का ऑर्डर कर चुके थे, जैसा कि उनके इनवॉइस से साफ है, एक समझदार व्यक्ति को खाने से पहले शाकाहारी और मांसाहारी भोजन में फर्क समझ में आ जाता है, यदि शिकायतकर्ता इतने पक्के शाकाहारी थे और नॉनवेज उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत करता है, तो उन्होंने किसी ‘शुद्ध शाकाहारी’ रेस्टोरेंट से खाना क्यों नहीं लिया?
यही नहीं, उपभोक्ता आयोग ने यह भी कहा कि- शिकायतकर्ता यह साबित नहीं कर सके कि रेस्टोरेंट की ओर से सेवा में कोई कमी रही, इसके बाद उनका दावा खारिज कर दिया गया!

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-