मुंबई (व्हाट्सएप- 6367472963)
पूर्व बॉलीवुड अभिनेत्री सोमी अली, अपने गैर-लाभकारी संगठन नो मोर टियर्स के माध्यम से दुर्व्यवहार से बचे लोगों के लिए एक निडर वकील के रूप में जानी जाती हैं. लेकिन उनकी योद्धा भावना के पीछे एक कोमल हृदय छिपा है जो अभी भी एक ऐसे व्यक्ति से जुड़ा हुआ है जिसने शांत शक्ति और अटूट प्रेम के साथ उनकी दुनिया को आकार दिया - उनके पिता, मदन शाह अली. इस फादर्स डे पर, सोमी अपने पिता को एक गहरी व्यक्तिगत श्रद्धांजलि साझा करती हैं, एक ऐसे बंधन की भावनात्मक तस्वीर पेश करती हैं जिसे दूरी, समय और भू-राजनीति कभी कम नहीं कर सकती.
सोमी कहती हैं, “फादर्स डे हमेशा मुझे उन यादों से भर देता है जो उस समय की सुनहरी फिल्म रीलों की तरह लगती हैं, जब मैं चाहती थी कि मैं वापस जा सकूँ.” “एक छोटी लड़की के रूप में, मैं हर शाम दरवाजे पर इंतज़ार करती थी, बस अपने डैडी के घर आते ही उन्हें एक बड़ा ‘किसी किसी’ देने के लिए.”
दुनिया के लिए, मदन शाह अली एक सम्मानित व्यवसायी और प्रतिभाशाली फिल्म निर्देशक थे. लेकिन युवा सोमी के लिए, वे बस डैडी थे - एक ऐसा व्यक्ति जिसकी बाहें धरती पर सबसे सुरक्षित जगह लगती थीं और जिसकी कोलोन से लथपथ शर्ट उसके लिए सबसे बड़ा आराम थी. "बोर्डरूम में कोई भी प्रभाव या सिनेमाई प्रतिभा उनकी बाहों की गर्माहट की तुलना नहीं कर सकती थी," वह बताती हैं. "उन्होंने मुझे व्याख्यानों के माध्यम से नहीं, बल्कि उदाहरण के द्वारा सिखाया - ईमानदारी, लचीलापन और बिना अपनी आत्मा को खोए कड़ी मेहनत कैसे करें." वह बताती हैं कि उनके पिता किस तरह के व्यक्ति हैं - जिन्हें सम्मान पाने के लिए कभी भी अपनी आवाज़ या हाथ उठाने की ज़रूरत नहीं पड़ी. "उन्हें बिना आवाज़ उठाए सम्मान प्राप्त करते देखना मुझे दिखाता है कि असली ताकत कैसी होती है," सोमी बताती हैं. "यहां तक कि जब हम असहमत होते थे, यहां तक कि जब जीवन मुझे उनसे दूर ले जाता था, तब भी उनका मुझ पर विश्वास डगमगाता नहीं था."
अब अमेरिका में रहने वाली और अपने नियंत्रण से परे परिस्थितियों के कारण पाकिस्तान वापस जाने में असमर्थ, उस दूरी का दर्द वह हर दिन महसूस करती है. उनके पिता, जो अब बूढ़े हो चुके हैं, पाकिस्तान में ही रहते हैं - एक ऐसी भूमि जहां वह शायद कभी वापस न लौटें. लेकिन उनका प्रभाव उनके हर काम में रहता है. "नो मोर टियर्स में हर बचाव, हर जीवित व्यक्ति जिसे मैं संभालती हूँ और जिसके लिए लड़ती हूँ, उसकी आत्मा का एक हिस्सा है," वह कहती है. "वह वह व्यक्ति है जिसने मुझे सबसे पहले सिखाया कि किसी की रक्षा करना, गरीबों की मदद करना, उन लोगों के लिए खड़ा होना जो खुद के लिए खड़े नहीं हो सकते."
उसका फादर्स डे संदेश सीमाओं और दशकों से परे है - एक बेटी का उस व्यक्ति को पत्र जिसने उसकी आत्मा को आकार दिया. "पिताजी, मैं अभी भी आपका इंतज़ार करती हूँ. ठीक उसी तरह जैसे उस छोटी लड़की ने किया था. भले ही मैं आज आपकी बाहों में न आ सकूँ, लेकिन मुझे उम्मीद है कि मेरा जीवन - जिसे आपने आकार देने में मदद की - महासागरों के पार आप तक पहुँचेगा," वह लिखती है. "मैं आपको शब्दों से ज़्यादा याद करती हूँ. मैं आपसे सीमाओं से परे प्यार करती हूँ. और हर 'चुंबन' जो मैंने आपको एक बच्चे के रूप में दिया था - वे अभी भी मेरे अंदर रहते हैं." "हैप्पी फादर्स डे, डैडी. आप मेरे पहले हीरो हैं और हमेशा के लिए मेरे डैडी हैं."
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

