यूपी: लखनऊ में 12वीं पास 15 लड़के चला रहे थे साइबर ठगी का गिरोह, ऑनलाइन गेमिंग का झांसा देकर लूटे 500 करोड़

यूपी: लखनऊ में 12वीं पास 15 लड़के चला रहे थे साइबर ठगी का गिरोह

प्रेषित समय :14:56:40 PM / Tue, Jun 17th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

लखनऊ. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में साइबर ठगी के एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश हुआ है. इस संगठित गिरोह ने दक्षिण भारत के लगभग ढाई लाख लोगों को निशाना बनाकर 500 करोड़ रुपये की ठगी की. 12वीं पास 15 युवकों का यह गिरोह श्रीलंका में बैठे मास्टरमाइंड के निर्देशों पर काम करता था. स्थानीय सरगना विशाल यादव, जो गन्नी और प्रिंस के नाम से भी जाना जाता है, दुबई से इस नेटवर्क को संचालित करता था. पुलिस ने 11 जून को पीजीआई क्षेत्र में छापेमारी कर 15 ठगों को गिरफ्तार किया, लेकिन विशाल अभी फरार है.भारत यात्रा गाइड 

इस गिरोह ने ठगी के लिए एक सुनियोजित स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) तैयार किया था. शिकार बनाए गए लोग गेमिंग ऐप्स में पैसे हारने के भ्रम में रहते थे, जिसके कारण वे शिकायत दर्ज नहीं कराते थे. गिरोह छोटी रकम (1,000 से 3,000 रुपये) की ठगी करता था, ताकि मामला पुलिस तक न पहुंचे. इसके अलावा, वे हर एक-दो महीने में ठिकाना बदल लेते थे, जिससे स्थानीय लोगों को उनकी गतिविधियों का पता न चले.

कॉल सेंटर जैसा सेटअप

पुलिस ने वृंदावन कॉलोनी के एक टेंट हाउस में छापेमारी की, जहां कॉल सेंटर जैसा सेटअप मिला. यहां लैपटॉप और मोबाइल पर काम कर रहे ठगों को पकड़ा गया. उनके पास बैंक खातों और IFSC कोड की जानकारी कोडिंग के रूप में दर्ज थी. गिरोह के सदस्यों को 20,000 रुपये मासिक वेतन और 100 टारगेट पूरे करने पर कमीशन दिया जाता था.

श्रीलंका और दुबई का कनेक्शन

आरोपियों ने पूछताछ में खुलासा किया कि वे अन्ना रेड्डी नामक गेमिंग ऐप के जरिए दक्षिण भारतीय लोगों को ठगते थे. इस ऐप में जीत-हार के बहाने लोगों से पैसे ऐंठे जाते थे. मास्टरमाइंड पहले दुबई और सिंगापुर से काम करता था, लेकिन अब श्रीलंका में छिपा है. विशाल यादव उसका स्थानीय संपर्क था, जो दुबई से नेटवर्क की निगरानी करता था.

पुलिस की कार्रवाई और बरामदगी

मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की. ठगों ने पुलिस के पहुंचने से पहले डेटा डिलीट करने की कोशिश की, लेकिन साइबर क्राइम सेल डेटा रिकवरी के प्रयास में जुटी है. छापेमारी में 70 मोबाइल फोन, 11 लैपटॉप, 115 डेबिट कार्ड, 25 चेकबुक, 53 पासबुक और 38 सिम कार्ड बरामद किए गए. गिरोह में बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के युवक शामिल थे, लेकिन लखनऊ का कोई स्थानीय सदस्य नहीं था.

सरगना की तलाश में तेजी

यूपी पुलिस अब विशाल यादव की एयर ट्रैवल हिस्ट्री और बैंक अकाउंट की जांच कर रही है. साइबर क्राइम सेल ठगी के शिकार लोगों और मास्टरमाइंड तक पहुंचने के लिए डेटा का विश्लेषण कर रही है. यह मामला साइबर अपराध के बढ़ते खतरे को उजागर करता है, जिसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-