तेल अवीव. ईरान और इजरायल के बीच जंग जारी है. दोनों तरफ से मिसाइल और ड्रोन अटैक हो रहे हैं. ईरान के सैन्य बुनियादी ढांचे के खिलाफ बड़ी सफलताओं का दावा करने के बावजूद, इजरायल अपनी लंबी दूरी की मिसाइल इंटरसेप्टर की आपूर्ति को तेजी से कम कर रहा है, जिससे उसकी रक्षा प्रणालियों की स्थिरता पर चिंता बढ़ रही है.
यह रिपोर्ट इजरायल और ईरान के बीच लगातार मिसाइल हमलों के बीच आई है . पिछले शुक्रवार को इजरायल द्वारा ऑपरेशन राइजिंग लॉयन शुरू किए जाने के बाद से ईरानी सेना ने लगभग 400 बैलिस्टिक मिसाइलें दागी. तेल अवीव में अधिकारियों ने बताया कि ईरान के एक तिहाई मिसाइल लांचर नष्ट कर दिए गए हैं और दावा किया है कि उन्होंने ईरानी आसमान पर हवाई श्रेष्ठता हासिल कर ली है. फिर भी, खुफिया सूत्रों ने चेतावनी दी है कि ईरान की मिसाइल सूची का आधा से अधिक हिस्सा बरकरार है.
इजराइल की मिसाइल रक्षा प्रणाली जिसमें आयरन डोम, डेविड स्लिंग, एरो सिस्टम और अमेरिका द्वारा आपूर्ति की गई पैट्रियट्स और थाड बैटरियां शामिल हैं, को बनाए रखने की लागत एक गंभीर चिंता का विषय बनती जा रही है.
10-12 दिन का बचा स्टॉक
ईरानी मिसाइल हमलों के लगभग प्रतिदिन जारी रहने के कारण, इजरायली वायु रक्षा भंडार अब गंभीर दबाव में हैं. अमेरिका और इजरायली खुफिया जानकारी से अवगत एक सूत्र ने बताया कि यदि ईरान लगातार हमलों की गति बनाए रखता है, तो अमेरिका से जल्द आपूर्ति या प्रत्यक्ष हस्तक्षेप के बिना इजरायल 10 या 12 दिनों तक अपनी मिसाइल रक्षा को बनाए रख सकता है .
ईरान हर दिन कर रहा हमला
शुक्रवार की रात को ईरानी मिसाइलों ने इजरायल की सुरक्षा को चकमा देते हुए तेल अवीव में आईडीएफ मुख्यालय के पास हमला किया. रविवार को सीधे हमले के कारण हाइफा के पास एक प्रमुख तेल रिफाइनरी को बंद करना पड़ा. और मंगलवार की सुबह, सत्यापित सोशल मीडिया वीडियो में तेल अवीव के उत्तर में इजरायल के खुफिया परिसर के करीब कई ईरानी मिसाइलों के हमले रिकॉर्ड किए गए. अब तक इजऱायली सरकार ने 24 लोगों की मृत्यु और 600 से अधिक लोगों के घायल हो चुके हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-